बस इतना फसाना है

मासूम मुहब्बत का
बस इतना फसाना है,
शीसे की हवेली है,
पत्थर का जमाना है।
वो समझे या ना समझे
अंदाजे मुहब्बत के,
अवाज भी जख्मी है,
गीत भी गाना है।
उस पार उतरने की उम्मीद
बहुत कम है,
किस्ती भी पुरानी है,
तूफ़ान भी आना है।
वो बोले या न बोले
बातों से कुछ भी,
एक शक्स को आँखो से
हाले-दिल सुनाना है।
मासूम मुहब्बत का
बस इतना फ़साना है,
एक आग का दरिया है,
डूब के जाना है।

--प्रतीक प्रीतम,मधेपुरा

वीना मलिक की न्यूड तस्वीर के मायने

पाकिस्तानी अभिनेत्री और बिग
बॉस ४ की हॉट आइटम वीना मलिक की एक न्यूड तस्वीर एफएचएम इंडिया मैग्जीन के दिसंबर अंक के कवर पेज पर क्या छपी न जानने वाले भी वीना मलिक को जान गए.पब्लिसिटी स्टंट सफल हुआ और मैग्जीन की बिक्री तो बढ़ी ही,वीना के अगले टीवी रियलिटी शो स्वयंवर को भी दर्शकों की बड़ी मात्रा मिलने की सम्भावना बढ़ गयी.वीना मलिक ने इस तस्वीर को मूल के साथ छेड़छाड़ कहते हुए मैग्जीन पर दस करोड का हर्जाना ठोक दिया है जबकि मैग्जीन के संपादक कबीर शर्मा इसे ऑरिजिनल फोटो बताते हुए दावा कर रहे हैं कि इस पूरे फोटो सेसन की वीडियो भी उनके पास मौजूद है जो यह साबित कर देगा कि यह न्यूड तस्वीर वीना मलिक की ही है.इस फोटो में वीना की बांह पर आईएसआई लिखे रहने से पाकिस्तान में सनसनी फ़ैल गयी है.कुछ लोगों का ये भी कहना है कि ऐसी हरकतें सोच समझकर  मैग्जीन वालों और अभिनेत्रियों द्वारा एक दूसरे को हिट कराने के उद्येश्य से की जाती है.
     देखा जाय तो आज चर्चा में रहने और पैसे कमाने के लिए अभिनेत्रियां बहुत कुछ करने के लिए तैयार हैं.रियलिटी शो स्वयंवर के लिए वीना को ३ करोड़ रूपये मिलने वाले हैं.और ऐसे समय में वीना का चर्चा में आ जाना इस आने वाले शो की टीआरपी तो बढ़ा ही देगा साथ ही अन्य शो और भारतीय फिल्मों में वीना के काम करने का सपना भी पूरे होने के रास्ते अब खुल सकते हैं.फिल्म निर्माताओं की नजर भी अब इस सनसनी पर पड़ सकती है और वॉलीवुड के लिए तो जो दिखता है वही बिकता है.

ये आईना ....!!

कितनी दर्द कितनी ख़ामोशी
समटे हुए है अपने अन्दर,
ये आईना ....
मंजर खुशियों के कम नहीं
पहलुओं में इनके,
फिर क्यूँ इतनी चुप्पी लिए
दीवारों पे टंगी है,
ये आईना ....
ज़माने ने तो अपने दिलों का
नाता तेरे साथ जोड़ दिया,
जब भी टूटा दिल उसका
तो "शीशा-ए- टुकड़ों" का नाम दिया,
मिली इतनी अहद जब दुनिया से
फिर क्यूँ शांत है,
ये आईना ....
जब भी रूह ब रूह हुए हम आपके
खुद को ही पाया तेरे चेहरे में,
भुला कर तुम अपने वजूद को
हमको रखा फिर अपने साये में,
इतनी सिद्दत है जब दूसरों से
फिर क्यूँ इतना तन्हा है,
ये आईना ....
ना जाने ऐसे कितने सवाल
दबा रखा हूँ मैं खुद में,
ओर वो है कि अपनी ज़िंदगी
लुटा रही है एक खनक में,
इतनी राज है जब उनकी ज़िंदगी में
फिर क्यूँ बेराजदार है,
ये आईना ....
कितनी दर्द कितनी ख़ामोशी
समटे हुए है अपने अन्दर,
ये आईना ....

 
--अजय ठाकुर,नई दिल्ली