अनिद्रा दूर करने के लिए रोज करें ज्ञान मुद्रा

ज्ञान मुद्रा की विधि - अंगूठे और पहली उंगली यानी इंडैक्स फिंगर के पोरों को आपस में जोडऩे पर ज्ञान मुद्रा बनती है। इस मुद्रा को रोज दस मिनट करने से मस्तिष्क की दुर्बलता समाप्त हो जाती है। साधना में मन लगता है। ध्यान एकाग्रचित होता है। इस मुद्रा के साथ यदि मंत्र का जाप किया जाय तो वह सिद्ध होता है। परमानन्द की प्राप्ति होती है। इसी मुद्रा के साथ तो ऋषियों मनीषियों तपस्वियों ने परम ज्ञान को प्राप्त किया था।
लाभ- मानसिक क्षमता बढ़ती है।
- इस मुद्रा को करने से पागलपन, अनेक प्रकार के मनोरोग दूर होते हैं।
- चिड़चिड़ापन, गुस्सा, चंचलता, लम्पटता, अस्थिरता, चिंता से मुक्ति मिलती है।
- भय, घबराहट, व्याकुलता, अनिद्रा रोग, डिप्रेशन आदि से छुटकारा मिलता है।
- याददाश्त व एकाग्रता में वृद्धि होती है