अपने पूर्व प्रेमी/प्रेमिका के साथ दोस्ती


पूर्व साथी को अपना दोस्त बनाये रखने पर टिप्स


सम्बन्ध विछेद के बाद खुद को कुछ समय दें। अपने पूर्व साथी से दोस्ती कि जल्दबाज़ी न करें। सम्भव है कि रिश्ते कि कड़वाहट अभी भी आपके दिमाग से निकली नहीं हो और वो कड़वाहट इस दोस्ती को पनपने नहीं देगी। दोस्ती कि पहल तभी करिये जब आपके मन से साडी कड़वाहट निकल चुकी हो।
●          ज़यादा प्रयास मत करिये। यदि आपका पूर्व साथी इस दोस्ती का इच्छुक नहीं है तो उसे उसके हाल पर छोड़ दें।
●          अपनी अपेक्षा को समझ लें। आपके दिमाग में ये बात साफ़ होनी चाहिए कि आपका अपने पूर्व साथी से दोस्ती करने का उद्देश्य क्या है। क्या आप सचमुच दोस्ती कर रहे हैं या दोस्ती के बहाने फिर से उनके करीब आकर उन्हें रिझाने के लिए ऐसा कर रहे                हैं।
●          जल्दबाज़ी न करें। जिस व्यक्ति से आप का गहरा सम्बन्ध रहा हो अचानक उसका दोस्त बन जाना इतना आसान भी नहीं है। शुरुवात उनके जन्मदिन पर फोन कर या मोबाइल सन्देश भेजकर करें। और धीरे धीरी जब आप सहज हो जाएं तो दोस्ती कि                पहल करें।
●          अपने प्यार या शारीरक सम्बन्ध का विषय सामने न लाएं। यदि आप किसी के साथ रिश्ते में हैं या किसी को पसंद करते हैं तो इस बारे में भी बात न करें। अपनी ज़िन्दगी कि हर जानकारी देना उचित नहीं है।
●          अपने पूर्व साथी से अपनी दोस्ती कि चर्चा किसी अच्छे दोस्त से ज़रूर करें।
●          अपने पूर्व साथी के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने से बचें। ये आप दोनों के लिए सही नहीं होगा क्यूंकि ये स्थिति को और उलझा देगा। ऐसा करने से पहले अपने आप को उन कारणों कि याद दिलाएं जिनकी वजह से आपका सम्बन्ध टूटा था।