भगवान को सबसे अच्छी लगती है ये प्रार्थना

मंत्र, पूजा-पाठ और हवन-पूजन अपनी जगह है लेकिन प्रार्थना का एक तरीका ऐसा भी है जिससे बिना कुछ किए भी भगवान तक पहुंचा जा सकता है। ये तरीका आपकी अपनी मुस्कुराहट। कहते हैं आदमी उसी चेहरे को देखना पसंद करता है जिसमें कोई आकर्षण हो।
मुस्कुराहट से बड़ा कोई आकर्षण नहीं है। भगवान राम हो या कृष्ण, गौतम हो या महावीर, सभी के चेहरों पर आकर्षण का प्रमुख कारण था उनकी निष्पाप मुस्कान। हम भी प्रयास करें कि चेहरे पर मुस्कान खिली रहे। इससे हमारा मन भी तनाव मुक्त होगा और हम अधिक सहज रह पाएंगे।
अध्यात्म का एक स्वरूप है आनन्द की खोज। जो लोग परमपिता परमेश्वर से जुडऩा चाहें उन्हें मुस्कुराना जरूर आना चाहिए। हर धर्म ने मुस्कुराहट को अपने-अपने तरीके से जरूरी ही माना है। मुस्कुराहट आनन्द की सतह है। जैसे समंदर में लहरें उठती हैं ऐसे ही आनन्द के समुद्र में मुस्कुराहट की लहर उठती है।
आजकल देखा गया लोग घर से निकलते हैं अपने धंधे-पानी, नौकरी-पेशा तक जाते-जाते जितने लोग मिलते हैं सबको देखकर मुस्कुराते हैं और घर आते ही एकदम सीरियस हो जाते हैं। घर में एक-दूसरे सदस्यों को देखकर कोई नहीं मुस्कुराता। हम घर में आपस में झगड़ते हैं और दूसरों को देखकर मुस्कुराते हैं। अपनों से मिलकर हंसिए।
जिस क्षण हम मुस्कुराते हैं परमात्मा मुड़कर हमारी ओर चलने लगता है। जो स्माईल जीने की चीज है वह लेने और देने की चीज बन गई है। हम मुस्कुराहट को भी शस्त्र की तरह इस्तेमाल करते हैं जबकि वह हमारी शान्ति का कारण हो सकती है। कई लोगों की हंसी भी बीमार हो गई है। कई लोगों ने स्माईल को भी बिजनेस पीस बना डाला है। अब तो देखा गया है द्विअर्थी संवाद या अश्लील चर्चा पर ही लोग हंसते हैं।
जिन्हें भक्ति करना हो, जो सद्गुण अपनाना चाहें, जो शान्ति की खोज में हों उन्हें सदैव अपनी हंसी को प्रेम और करुणामयी बनाए रखना चाहिए। फकीरों को हंसता हुआ देखिए। उनकी हंसी में चोट नहीं होती और हम किसी को गिरता हुआ देखकर भी हंसने लगते हैं। यह बहुमूल्य क्रिया है। इसे प्रेम के साथ प्रदर्शित करिए। इसलिए सुबह हो या शाम, अपनों से मिलें या गैरों से, घर के भीतर हों या बाहर, जब भी मौका मिले जरा मुस्कुराइए...परमात्मा यह प्रार्थना जरूर सुनता और देखता है।

कैसे निभाएं दाम्पत्य में रिश्ते....

इस समय दो तरह के दाम्पत्य चल रहे हैं। पहला अशांत दाम्पत्य और दूसरा असंतुष्ट दाम्पत्य। जो पति-पत्नी ना समझ हैं उनके उपद्रव, खुद उनके सामने और दुनिया के आगे जाहिर हो जाते हैं। वे अपनी अशांति पर आवरण नहीं ओढ़ा पाते।
दूसरे वर्ण का दाम्पत्य वह है जिसमें पति-पत्नी थोड़े समझदार या कहें चालाक हैं, लिहाजा इस अशांति को ढंक लेते हैं, उपद्रव को खिसका भर देते हैं। ऐसा दाम्पत्य असंतुष्ट दाम्पत्य है। फिर ये असंतोष स्त्री या पुरुष दोनों को ही अपने-अपने गलत मार्ग पर जाने के लिए प्रोत्साहित कर देता है। जिन्हें सचमुच घर बसाना हो वे चमड़ी की तरह एक बात अपने से चिपका लें और वह है प्रेम।
बिना प्रेम के परिवार चलाया जा सकता है, बसाया नहीं जा सकता। इस समय ज्यादातर लोगों की गृहस्थी शोषण और उत्पीडऩ पर चल रही है। पति-पत्नी में से जो ज्यादा चालाक है वह इसे व्यवस्थित ढंग से करता है और जो कम समझदार है वह अव्यवस्थित तरीके से निपटा रहा है। मूल कृत्य में कोई अंतर नहीं है। प्रेम यदि आधार बनेगा तो जो पक्ष अधिक बुद्धिमान, समझदार होगा वह अपने जीवनसाथी को भी वैसा बनाने का प्रेमपूर्ण कृत्य करेगा। यही आपसी मुकाबला न होकर समान होने के सद्प्रयास होंगे।
गुण, कर्म और स्वभाव की समानता से जोड़े बन जाएं यह किस्मत की बात है। वरना अपनी समूची सहनशक्ति, उदारभाव और माधुर्य को अपने जीवनसाथी के साथ संबंधों में झोंक दें और इसके लिए जो ताकत लगती है उसके शक्ति संचय के लिए ये नौ दिन काम आएंगे। नामभर नवरात्र है, पर इसमें गजब का उजाला है।

पिलाटे से रहें चुस्त-दुरुस्त



फिटनेस के शौकीनों में पिलाटे नाम की नई विधा तेजी से लोकप्रिय हो रही है। यह न सिर्फ शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखती है, बल्कि सही हाव-भाव और संतुलन बनाने में भी मददगार है।
क्या आप जानते हैं कि दीपिका पादुकोण की टोंड बॉडी का राज क्या है? दरअसल वह खुद को पिलाटे की मदद से चुस्त-दुरुस्त रखती हैं। बकौल दीपिका, 'मेरे शरीर के लिए टोनिंग खासी जरूरी है। ऐसे में पिलाटे शरीर के प्रमुख अंगों पर कारगर प्रभाव छोड़ती है।' सिर्फ दीपिका ही क्यों इसे अपनाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आइए जानते हैं इसके और इससे जुड़े फायदों के बारे में।

पति-पत्नी के रिश्ते तन से नहीं, मन से निभाएं...


परिवारों में रिश्ते बनते भले ही शरीर से हैं, लेकिन रिश्तों को निभाने के लिए शरीर से अलग हटना पड़ता है। भारतीय परिवारों में भी बदलते दौर में एक बड़ा परिवर्तन आया है। हमारे यहां पहले रिश्तों को महत्व दिया गया, शरीर को गौण रखा गया।
इसीलिए भारत के परिवार के सदस्य एक-दूसरे से भावनात्मक रूप में रहते हैं। धीरे-धीरे घर-गृहस्थी का विस्तार हुआ। बाहर की दुनिया में लोगों का समय अधिक बीतने लगा।

उपवास में पूरा पोषण चाहिए तो ऐसे पिएं जूस



नवरात्र में अगर शरीर को पूरा पोषण देना चाहती हैं तो अपनाएं जूस थेरपी जूस थेरपी लेने से पहले मेंटली प्रिपेयर होना जरूरी है। पूरे दिन पांच से छह बार अलग - अलग तरह के जूसपीएं। सबसे पहले दो गिलास नीबू पानी पीएं। उसके बाद कोई फ्रूट जूस लें।

ऑरेंज जूस , टमाटर , गाजर औरचुकंदर का जूस मिक्स कर पीएं। दोपहर में तरबूज का जूस पीना ज्यादा फायदेमंद होता है। शाम को संतरा , सेबऔर अंगूर का जूस मिक्स करके पीएं। इस डाइट में फेरबदल करती रहें। आप जूस में पालक , बथुआ , खीरा जैसीचीजें भी जोड़ सकती हैं।
 जूस के फायदे
- जूस में मिनरल्स , पोटैशियम , कैल्शियम , ऐंटिऑक्सिडेंट्स , कैरोटिन और विटामिन सी की क्वॉन्टिटी बहुत ज्यादा होती है। इसलिए कैलरीज का प्रतिशत बहुत कम होता है।
- जूस शरीर के इम्यून सिस्टम को ठीक बनाए रखता है।
- हेक्टिक लाइफ को फ्रेश कर देता है।
- व्रत के दौरान जूस पीने से पाचन ठीक बना रहता है।
- जूस ब्लड शुगर लेवल को बैलंस करता है।
- आप थकान फील नहीं करते और दिनभर एनर्जेटिक बने रहते हैं।
- बॉडी से हानिकारक तत्वों को बाहर कर शरीर को रिलैक्स कर देता है।
 

मालदार बनना है तो इन पांचों को खिलाते रहे खाना, क्योंकि..


जीवन से हर समस्या का समाधान शास्त्रों में बताया गया है। एक उपाय तो ये है कि हम अपनी मेहनत से और स्वयं की समझदारी इन समस्याओं को दूर करने का प्रयास करें और दूसरा उपाय है धार्मिक कार्य करें। हमें प्राप्त होने वाले सुख-दुख हमारे कर्मों का प्रतिफल ही है। पुण्य कर्म किए जाए तो दुख का समय जल्दी निकल जाता है।

शास्त्रों के अनुसार गाय, पक्षी, कुत्ता, चींटियां और मछली से हमारे जीवन की सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं।

साल में 167 बार लड़ाई करती हैं पत्नियां!



लंदन। दंपति किसी न किसी मुद्दे पर साल में कम से कम 167 बार लड़ते हैं। यह बात एक अध्ययन में सामने आई। ब्रिटेन के सबसे बड़े होटल ब्रांडों में से एक प्रीमियर इन की ओर से कराए गए एक अध्ययन में कहा गया कि ब्रिटेन में हर 10 में से एक दंपति सप्ताह में दो बार रात में जीवनसाथी के द्वारा पैदा की गई ध्वनि को लेकर लड़ते हैं।

डेली एक्सप्रेस के मुताबिक 20 फीसदी से अधिक दंपति शोर के कारण हर रात दो घंटे की नींद गंवाते हैं। 10 फीसदी ने कहा कि वे इस मुद्दे पर एक-दूसरे से अलग होने के बारे में भी सोच रहे हैं।