ये 10 काम कभी ना करें क्योंकि ये हैं महापाप...



जब से सृष्टि की रचना हुई है तभी पाप और पुण्य की अवधारणाएं चली आ रही हैं। पाप औ पुण्य के आधार पर ही व्यक्ति का प्रारब्ध या भाग्य बनता है। शास्त्रों के अनुसार कर्मों के फल व्यक्ति को अवश्य ही प्राप्त होते हैं। जो व्यक्ति जैसे काम करता है उसे वैसे ही फल प्राप्त होते हैं। अत: व्यक्ति यदि अच्छा भविष्य चाहता है तो उसे शास्त्रों के अनुसार बताए गए इन पाप कर्मों से दूर रहना चाहिए-

- दूसरों का धन हड़पना या हड़पने  की इच्छा: किसी भी स्थिति में अन्य लोगों के धन को धोखे से हड़प लेना पाप है।

- यदि आपका मन किसी गलत कार्य को करने से मना कर रहा है, फिर आप करते हैं तो यह पाप है। ये कर्म निषिद्ध कर्म (मन जिन्हें करने से मना करें) माने गए हैं।

- जो लोग सिर्फ सुंदर देह को ही सबकुछ मानते हैं, किसी के अच्छे व्यवहार और धार्मिक आचरण को महत्व नहीं देते हैं तो यह भी पाप है।

- किसी भी व्यक्ति से कठोर वचन बोलना पाप माना गया है।

- झूठ बोलना या सच को छुपाना भी पाप है।

- दूसरों की बुराई या निंदा करना भी पाप है।

- बकवास करना (बिना कारण बोलते रहना) भी पाप है।

- किसी भी स्थिति में चोरी करना पाप ही है।

- तन, मन, कर्म से किसी को दु:ख देना, किसी को आहत करना, किसी के कार्य बिगाडऩा पाप है।
यदि कोई स्त्री पति के अतिरिक्त किसी पर पुरुष से शारीरिक संबंध रखती है तो यह महापाप है। ठीक इसी प्रकार कोई पुरुष पत्नी के अतिरिक्त किसी अन्य स्त्री से शारीरिक संबंध रखता है तो यह महापाप है।

इन पाप कर्मों को करने वाला व्यक्ति नर्क की यातनाएं भोगता है। ऐसा शास्त्रों में वर्णित है।