जल्दी ही किस्मत चमकाती हैं हथेली की ये रेखाएं...



काफी लोग किस्मत या भाग्य को अधिक बलवान मानते हैं तो कुछ लोग कर्म को प्रधान मानते हैं। कई बार अधिक कर्म करने के बाद भी उचित परिणाम प्राप्त नहीं हो पाता। ऐसे में भाग्य को दोष दिया जाता है। वहीं कुछ लोगों को बिना कर्म किए भी अचानक धन, मान-सम्मान प्राप्त हो जाता है। तब कहा जाता है कि वह व्यक्ति भाग्यशाली है। इस संबंध में हस्तरेखा ज्योतिष में कुछ विशेष रेखाओं का वर्णन किया गया है।

हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार हथेली में कुछ ऐसी रेखाएं होती है जो हथेली में कहीं से भी प्रारंभ होकर किसी भी पर्वत या क्षेत्र की ओर चलने लगती हैं। ऐसी रेखाएं प्रभावक रेखाएं कहलाती हैं।

- ये रेखाएं शुक्र, सुर्य, गुरु, बुध, या शनि पर्वतों को स्पर्श करती है। जो रेखाएं बलवान होती है, वे उस व्यक्ति को जीवन आगे बढ़ाने में सहायक होती है।

प्रभावक रेखा भाग्य रेखा से जाकर मिल जाती है तो ऐसे व्यक्ति की अचानक किस्मत चमक जाती है। ऐसे व्यक्ति को अचानक धन प्राप्त होता है और वह व्यक्ति अपने जीवन में बहुत सफलता प्राप्त करता है। भाग्य रेखा मुख्यत: जीवन रेखा, मणिबंध, चंद्र क्षेत्र, मस्तक रेखा अथवा हृदय रेखा से प्रारंभ होती हैं। यह रेखा हथेली के मध्य क्षेत्र में होती है। सामान्यत: भाग्य रेखा मणिबंध से ऊपर की ओर जाती है। इस रेखा की समाप्ति शनि क्षेत्र (मीडिल फिंगर के नीचे का क्षेत्र) पर होती है।
हस्तरेखा के अंतर्गत सभी रेखाओं का अपना अलग-अलग महत्व होता है। रेखाएं अन्य रेखाओं के प्रभाव को कम भी कर सकती हैं और बढ़ा भी सकती हैं। इसी वजह से किसी भी व्यक्ति के दोनों हाथों का ध्यान से परीक्षण किया जाना चाहिए। तभी सटीक भविष्यवाणी की जाती है।