डॉक्टर के एक गलत जवाब ने ला दिया इस महिला की जिंदगी में भूचाल



जबलपुर। किसी स्वस्थ व्यक्ति को यदि डॉक्टर कैंसर होने की बात कहते हुए उसे इस भयावह रोग के लिये अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दे डाले तो उस व्यक्ति की हालत क्या होगी, यह सोचकर ही सिहरन आ जाती है, परंतु यह है सौ-फीसदी सच्ची घटना, जिसने एक बार फिर विक्टोरिया अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही सामने लाकर रख दी है।

हम बात कर रहे हैं लालमाटी क्षेत्र में रहने वाली एक 32 वर्षीय महिला की जो कि लगातार 6 माह तक विक्टोरिया अस्पताल आती रही और उसे डॉक्टरों ने बिना जांच-परीक्षण के ही कैंसर होने की बात कह डाली। जब यही महिला निजी चिकित्सालय पहुंची तो वहां से मिली दवाओं को खाते ही उसे आराम हो गया।

इस संबंध में गोपाल होटल के पास रहने वाले रंजीत सिंह राजपूत की पत्नी सोना राजपूत ने बताया कि करीब 6 माह पूर्व उसे अचानक गले में दर्द महसूस हुआ। इस दौरान उसके लिये भोजन करना एवं पानी पीना भी दुश्वार हो चला। इस स्थिति में परिजन उसे विक्टोरिया अस्पताल लेकर आये, जहां ईएनटी स्पेशलिस्ट को दिखाया गया।

बिना जांच लिखते रहे टेबलेट

पीड़ित महिला सोना ने बताया कि यहां आने पर नाक, कान एवं गला विशेषज्ञ डॉ. केसी गुप्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने बिना जांच किये ही उसे कई तरह की टेबलेट लिख दीं।

यह दवाएं भी उसे विक्टोरिया अस्पताल में नहीं मिलीं और दुकानों से बड़ी धनराशि खर्च कर खरीदनी पड़ी। सोना का आरोप है कि करीब 2 माह पूर्व जब वह पुन: डॉ. गुप्ता के पास इलाज के लिये आई तो उन्होंने उसे गले का कैंसर होने की जानकारी दे दी।

घबराकर पहुंचे निजी अस्पताल

महिला का कहना है कि जब विक्टोरिया के डॉक्टर्स तरह-तरह की दवाएं देते रहे और आराम नहीं लगा तो परिजन उसे राइट टाऊन स्थित एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां मौजूद डॉक्टर ने उसकी मशीनों से भली प्रकार जांच की और उसे कैंसर नहीं बल्कि टॉन्सिल होने की जानकारी दी।

एक खुराक में ही आराम

परिजनों का आरोप है कि सोना को कैंसर नहीं था, इसके बावजूद लापरवाहीपूर्वक विक्टोरिया के डॉक्टर्स उसे ऐसा कहते रहे, जिससे उसे कुछ साइड इफेक्ट भी होने लगे थे। इसी से चिन्तित हो जब वे निजी अस्पताल पहुंचे और वहां से दी गयीं दवाओं की एक खुराक लेकर ही उसे आराम हो गया तो विक्टोरिया के डॉक्टरों की लापरवाही समझ में आ गई।

उक्त महिला के इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गयी है। कई बार एक जैसे लक्षण कई बीमारियों में होते हैं और इसी कारण उसे समझना मुश्किल हो जाता है। हर मरीज को बेहतर इलाज मिले, यह हमारी कोशिश होती है। महिला की पुन: जांच की जाएगी।
-डॉ. केसी गुप्ता, नाक, कान एवं गला विशेषज्