ब्रेक-अप कैसे करें?

Relationship problems
यदि सम्बद्ध ख़त्म करने क फैसला आप है तो याद रहे कि ये केह देना आसान नहीं होगा। हम सभी उम्मीद करते हैं कि हमें जीवन में ये पल कभी न देखना पड़े। लेकिन जब सम्बन्ध ही दुःख क कारण बन जाएं तो ये फैसला लेना ही पड़ता है। ये टिप्स शायद आपकी मुश्किल को थोडा आसान बनाने में मददगार सिद्ध हों:
पहले से तैयारी कर लें। आप किन वजहों से सम्बन्ध ख़त्म कर रहे हैं ये खुद जान लें क्यूंकि ये आप को अपने साथी को सम्झना पड़ेगा। कारणों का चिंतन करना आपको इसके लिए तैयार तो करता ही है साथ ही साथ आपको अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने का मौका भी देता है।
●          अगर सम्भव हो तो ये खबर खुद मिलकर देना बेहतर है, बजाय  फोन या मोबाइल सन्देश के। रिश्ते का अंत अगर मुलाकात और सही बातचीत के साथ हो तो अपनी ज़िन्दगी को इस रिश्ते के बाद सामान्य करना आसान हो जाता है।

प्रेस में सेक्स: कितना कुछ है सीखने के लिए, लेकिन कितना कम समय

सेक्स और प्रेस के इस भाग में हम बात करेंगे सेक्स से जुडी कुछ ख़ास ख़बरों के बारे में।
प्यार की यूनिवर्सिटी
भारत की एक यूनिवर्सिटी ने एक नया कोर्से शुरू करने की ठानी है जिसमे पढ़ाया जायेगा प्यार और समाज और संस्कारों पर उसके असर की। 'कोल्कता में पढ़िए प्यार' कोर्स शुरू किया है समाज शास्त्र डिपार्टमेंट ने। उनके अनुसार ये विषय उन विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है जो की गणित और भूतिक विज्ञान जैसे तकनीकी विषय पढ़ते हैं।  
"विद्यार्थी प्यार के बारे में क्लास में बैठकर जानकारी लेंगे, और यह उनके लिए बिलकुल नयी बात होगी", ऐसा स्कूल के एक प्रतिनिधि का कहना है। "अगर आप उन्हें कॉलेज के पहले साल में ही संरचनात्मक मानव-शास्त्र के बारे में पढ़ाएंगे, तो उन्हें ज़्यादा रुचि नहीं होगी।"
ये कोर्स प्यार के अलग-अलग रूपों की जानकारी देगा - जिसमे अपने भाई-बहन की तरफ प्यार, जानवरों से प्यार और कुछ खास चीज़ों के लिए प्यार - और अलग-अलग देशों में प्यार कैसे जताया जाता था और अलग-अलग युगों में प्यार कैसे जताया जाता है।

प्रेस में सेक्स: साइज़ का महत्व


;अध्यन से पता चला की महिलाओं को वाकई बड़े लिंग लुभाते है' जैसी हेडलाइंस ने पुरुषों के आत्मविश्वास को झंझोड़  कर रख दिया और सोचने पर मजबूर कर दिया की क्या उनकी महिला साथी उन्हें अब तक झूठ  बोल रही थी?

और अगर ये न्यूज़ वाकई सच है, तो केवल 5% पुरुष ही इस 'बड़े लिंग' की श्रेणी में अपनी जगह बनाते हैं, सचमुच काफी छोटी संख्या है।
तो आखिर 'बड़ा' कितना बड़ा है?
पहले की रिसर्च इस बात पर केन्द्रित थी की क्या महिलएं बड़े लिंग वाले पुरुषों की तलाश में रहती हैं। लेकिन इस नए अध्यन ने महिलाओं द्वारा अपने पुरुष साथी की अंगो को सहलाने की आदत पर प्रश्न खड़ा कर दिया।
महिलाओं को कंप्यूटर जनित तस्वीरों से पुरुषों के शरीर और लिंग के विभिन्न आकारों के आधार पर  आकर्षणता  के मापदंडों पर सवाल किये गए।

सोने की मुद्राएं बताती है आपके रिश्ते का हाल


कितने क़रीब हैं आप?Sleeping couple


आमने सामने, कमर से कमर मिलाकर या फिर से पीठ से लिपटकर? कैसे पसंद है आपको अपने साथी के साथ सोना? शोधकर्ताओं का मानना है क़ि आप दोनों के एक दुसरे के साथ सोने का तरीका बयां कर सकता है आपके रिश्ते का सूरतेहालI 

एक काम के बोझ से भरे लम्बे दिन के बाद, थके-मांदे जब आप अपने पार्टनर की बग़ल में लेटते हैं तो आप :
(क) क्या उसकी बाहों में चिपटकर और अपने शरीर के अंगो को उसके अंगो से जकड़कर सुबह तक गहरी नींद में सोते है?
(ख) या फ़िर वो पहले से ही खर्राटे ले रहा होता है और आपके पास दीवार की ओर मुँह करके सोने के अलावा कोई  चारा नहीं रहता?
मुबारकें अगर आपका ज़वाब (क) है क्यूंकि इससे पता चलता है कि आप एक प्यार भरी, गहरी नींद का मज़ा लेते है I लेकिन अगर आपने (ख) भी कहा है तो भी आपको चिंता करने की कोई ज़रुरत नहीं है I ब्रिटेन में करे गए एक अध्यन में पाया कि एक दुसरे की ओर पीठ कर के सोना बहुत ही आम बात है और करीब 42 प्रतिशत जोड़े ऐसे है जो इस तरह से सोना पसंद करते है I
प्रोफ़ेसर रिचर्ड वाइजमैन, जो निद्रावस्था और सपनो के विज्ञान की दुनिया के एक जानेमाने विशेषज्ञ है, कहते है क़ि यह अपनी तरह की पहली शोध है जिसमे जोड़ो के सोने के तरीको का इतना बारीकी से अध्ययन किया गया है I एक हज़ार लोगों से यह विवरण करने को कहा गया क़ि वो अपने पार्टनर के साथ किस तरह से सोना पसंद करते है I शोध में हिस्से लेने आये लोगों से अपने रिश्ते का मूल्यांकन करने को भी कहा गया I उसके बाद शोधकर्ताओं ने इस बात की विस्तृत जानकारी इकट्ठी करी क़ि जोड़े एक दुसरे से कितना चिपट कर सोते हैं और रात भर में एक दुसरे से कितनी बार संपर्क में आते है I
एक ही तरफ मुँह कर के सोना, जिसे स्पूनिंग भी कहते है, दूसरी सबसे लोकप्रिय निद्रावस्था थी जिसे तीन में से एक जोड़े की पहली पसंद थी I अजीब बात यह है कि सबसे निचले पायदान पर रही एक दुसरे की तरफ़ मुँह कर के सोने की मुद्रा, जिसे पांच से भी कम प्रतिशत लोगों ने पसंद किया I
जो जोड़े एक दुसरे की ओर पीठ कर के सोते है, उनके लिए और भी बढ़िया ख़बर यह है कि एक दूसरे की और मुँह करके सोना, आपके रिश्ते की गुणवत्ता के बारे में कुछ ख़ास उजागर करे ऐसा कतई ज़रुरी नहीं है I लेकिन, अगर आप एक दूसरे के क़रीब लेटते हैं और रात एक दूसरे से स्पर्श करते हुए गुज़ारते है तो यह इस बात का सूचक है कि आप दोनों का रिश्ता वाक़ई शानदार है I

प्यार का बंधन

यदि आपको किसी से प्यार है तो इसका अगला तार्किक कदम ये जानना है कि वो व्यक्ति आपके बारे में वैसा
Couple in a realationship
ही सोचते हैं या नहीं। अक्सर इसका अंदाज़ा लग्न मुश्किल नहीं होता। लेकिन यदि आपको संदेह है तो हिम्मत करके बात करें और जान लें। आप 'संस' या चैट के ज़रिये भी उनसे बात कर सकते हैं। यदि आपको लगे कि वो इस बारे में बात नहीं करना चाह रहे हैं या जवाब नहीं दे रहे हैं तो सम्भव है कि वो आपके बारे में ऐसा नहीं सोचते जैसा आप उनके बारे में सोचते हैं।
यह ध्यान रहे कि प्यार के मामले अक्सर थोड़े पेचीदा होते हैं। कुछ लोग जानबूझकर आपके साथ रुखा बर्ताव करते हैं क्यूंकि उन्हें समझ नहीं आता कि वो आपके बारे में अपनी भावनाओं को कैसे व्यक्त करें। तो यदि उनका जवाब नहीं आता तो तुरंत ये न समझ लें कि उनकी आप में दिलचस्पी नहीं है।
वहीँ, दूसरी और यदि कई बार इस बारे में बात करके भी यदि उनकी और से रुझान न दिखे तो उन्हें ज़यादा परेशान करना ठीक नहीं। हो सकता है इस से आपका कोई फायदा न हो, लेकिन नुक्सान भी नहीं होगा। हो सकता है आपका धैर्य भरा व्यव्हार आपके बारे में उनकी भावनाएं बदल दे। यदि उनकी तरफ से स्पष्ट ना हो तो उस व्यक्ति से इस बारे में और चर्चा करना उचित नहीं है।

अपने पूर्व प्रेमी/प्रेमिका के साथ दोस्ती


पूर्व साथी को अपना दोस्त बनाये रखने पर टिप्स


सम्बन्ध विछेद के बाद खुद को कुछ समय दें। अपने पूर्व साथी से दोस्ती कि जल्दबाज़ी न करें। सम्भव है कि रिश्ते कि कड़वाहट अभी भी आपके दिमाग से निकली नहीं हो और वो कड़वाहट इस दोस्ती को पनपने नहीं देगी। दोस्ती कि पहल तभी करिये जब आपके मन से साडी कड़वाहट निकल चुकी हो।
●          ज़यादा प्रयास मत करिये। यदि आपका पूर्व साथी इस दोस्ती का इच्छुक नहीं है तो उसे उसके हाल पर छोड़ दें।
●          अपनी अपेक्षा को समझ लें। आपके दिमाग में ये बात साफ़ होनी चाहिए कि आपका अपने पूर्व साथी से दोस्ती करने का उद्देश्य क्या है। क्या आप सचमुच दोस्ती कर रहे हैं या दोस्ती के बहाने फिर से उनके करीब आकर उन्हें रिझाने के लिए ऐसा कर रहे                हैं।
●          जल्दबाज़ी न करें। जिस व्यक्ति से आप का गहरा सम्बन्ध रहा हो अचानक उसका दोस्त बन जाना इतना आसान भी नहीं है। शुरुवात उनके जन्मदिन पर फोन कर या मोबाइल सन्देश भेजकर करें। और धीरे धीरी जब आप सहज हो जाएं तो दोस्ती कि                पहल करें।
●          अपने प्यार या शारीरक सम्बन्ध का विषय सामने न लाएं। यदि आप किसी के साथ रिश्ते में हैं या किसी को पसंद करते हैं तो इस बारे में भी बात न करें। अपनी ज़िन्दगी कि हर जानकारी देना उचित नहीं है।
●          अपने पूर्व साथी से अपनी दोस्ती कि चर्चा किसी अच्छे दोस्त से ज़रूर करें।
●          अपने पूर्व साथी के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने से बचें। ये आप दोनों के लिए सही नहीं होगा क्यूंकि ये स्थिति को और उलझा देगा। ऐसा करने से पहले अपने आप को उन कारणों कि याद दिलाएं जिनकी वजह से आपका सम्बन्ध टूटा था।

सुरक्षित सेक्स


यह सुरक्षित है


  • सहलाना, जीभ का इस्तेमाल करते हुए चूमना, गले लगाना, मालिश या मसाज करना, स्वयं का या अपने साथी का हस्तमैथुन
  • गुणवत्ता प्राप्त कण्डोम का इस्तेमाल करके संभोग (योनि में लिंग का प्रवेश)
  • संक्रमण से बचने के लिए गुणवत्ता प्राप्त कण्डोम एवं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए किसी दूसरे प्रकार के गर्भनिरोधन जैसे गोलियों का प्रयोग करते हुए संभोग (योनि में लिंग का प्रवेश)
  • शुक्राणु या रक्त (उदाहरण के लिए माहवारी का रक्त) के मुख में गए बिना मुख मैथुन

मासिक चक्र


यह कैसे काम करता है?


जब कोई लड़की किशोरावस्था में पहुँचती है तब उनके अंडाशय इस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोन उत्पन्न करने लगते हैं। इन हार्मोन की वजह से हर महीने में एक बार गर्भाशय की परत मोटी होने लगती है और वह गर्भ धारण के लिए तैयार हो जाता है।
इसी बीच कुछ अन्य हार्मोन अंडाशय को एक अनिषेचित डिम्ब उत्पन्न एवं उत्सर्जित करने का संकेत देते हैं। अधिकतर लड़कियों में यह लगभग 28 दिनों के अन्तराल पर होता है।
निषेचन का न होना = मासिक धर्म होना
सामान्यतः, यदि लड़की डिम्ब के उत्सर्जन (अंडाशय से डिम्ब का निकलना) के आसपास यौन संबंध नहीं बनाती हैं, तो किसी शुक्राणु की डिम्ब तक पहुँच कर उसे निषेचित करने की संभावनाएं नहीं रह जाती हैं। अतः गर्भाशय की वह परत जो मोटी होकर गर्भावस्था के लिए तैयार हो रही थी, टूटकर रक्तस्राव के रुप में बाहर निकल जाती है। इसे मासिक धर्म कहते हैं

अनिद्रा दूर करने के लिए रोज करें ज्ञान मुद्रा

ज्ञान मुद्रा की विधि - अंगूठे और पहली उंगली यानी इंडैक्स फिंगर के पोरों को आपस में जोडऩे पर ज्ञान मुद्रा बनती है। इस मुद्रा को रोज दस मिनट करने से मस्तिष्क की दुर्बलता समाप्त हो जाती है। साधना में मन लगता है। ध्यान एकाग्रचित होता है। इस मुद्रा के साथ यदि मंत्र का जाप किया जाय तो वह सिद्ध होता है। परमानन्द की प्राप्ति होती है। इसी मुद्रा के साथ तो ऋषियों मनीषियों तपस्वियों ने परम ज्ञान को प्राप्त किया था।
लाभ- मानसिक क्षमता बढ़ती है।
- इस मुद्रा को करने से पागलपन, अनेक प्रकार के मनोरोग दूर होते हैं।
- चिड़चिड़ापन, गुस्सा, चंचलता, लम्पटता, अस्थिरता, चिंता से मुक्ति मिलती है।
- भय, घबराहट, व्याकुलता, अनिद्रा रोग, डिप्रेशन आदि से छुटकारा मिलता है।
- याददाश्त व एकाग्रता में वृद्धि होती है

मोह से ही बढ़ती हैं जीवन में परेशानियां

जीवन में उत्थान और पतन चलता ही रहता है। भौतिक सुख-सुविधाएं जुटाने के प्रयासों में ऐसा हो तो आश्चर्य की बात नहीं है, लेकिन आध्यात्मिक यात्रा में भी ऐसा हो जाता है तो इसकी चिंता पालना चाहिए। कई बार पतन के बाद भी उत्थान का क्रम बन जाता है, लेकिन जीवन की कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं कि पतन पर पहुंचकर आदमी उत्थान पर पहुंचना ही नहीं चाहता।
इसका उदाहरण है रावण। रावण एक ऐसा पात्र है, जिसको कई बार अनेक पात्रों ने अपने-अपने स्तर पर समझाया था। हनुमानजी, अंगद, शूर्पणखा, मंदोदरी, मारीच जैसे लोगों ने उसे समझाया, लेकिन उसे समझ में नहीं आया। इन वैचारिक रोगों का वर्णन करते हुए लिखा है कि-
'मोह सकल व्याधिन कर मूला।'
मोह ही मूल है और रावण साक्षात मोह का प्रतीक है। मेघनाथ काम है और शूर्पणखा अंदर की वासना है। रावण को मेघनाथ और शूर्पणखा दोनों बहुत प्यारे थे। शूर्पणखा का अर्थ है जिसके नाखून बड़े हों। इंद्रियों में जो वासनाएं होती हैं, उसकी तुलना नाखूनों से की जाती है। यानी एक सीमा तक वासना ठीक है, उसके बाद नाखूनों को काट देना चाहिए। जो अपने नाखून नहीं काटेगा, समाज में उसका जीवन अमर्यादित हो जाएगा। कुछ लोगों का मानना है कि रावण ने कुछ गलत नहीं किया था। उसकी बहन की नाक काटे जाने पर उसने श्रीराम की पत्नी का हरण कर लिया। शूर्पणखा ने श्रीराम-लक्ष्मण से विवाह का प्रस्ताव रखा, इसमें क्या गलत था।
इस प्रसंग को लोग गहराइयों में नहीं देखते। शूर्पणखा ने पूरे समय झूठ बोला था, छल किया था। रावण ने शूर्पणखा यानी छल का पक्ष लिया। जो छल का पक्ष लेता है, वह रावण के समान होता है और पतन में गिरने के बाद उत्थान की संभावना को रावण ने स्वयं नकार दिया था।

पति-पत्नी ध्यान रखेंगे ये बातें तो सुखद रहेगा जीवन


वैवाहिक जीवन सुखी और शांत हो तो धरती पर ही स्वर्ग की अनुभूति प्राप्त होती है। आधुनिक युग में अधिकांश लोगों की मैरिड लाइफ से शांति गायब हो गई है। समय के साथ-साथ पति-पत्नी के बीच का प्रेम भी कम होता जाता है। यहां जानिए कुछ ऐसी बातें जो वैवाहिक जीवन में हमेशा प्रेम बनाए रखती हैं...
पति-पत्नी, दोनों को एक ही समय नहीं होना चाहिए गुस्सा
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए ये बात ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जब जीवन साथी गुस्से में हो तो उस समय दूसरे को शांत रहना चाहिए। यदि पति-पत्नी, दोनों ही एक समय पर गुस्सा करेंगे तो बात बहुत ज्यादा बिगड़ सकती है। क्रोध की अवस्था में सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है और व्यक्ति सही-गलत का फर्क भी नहीं कर पाता है। अत: क्रोधित जीवन साथी को शांत करने का प्रयास करना चाहिए।
प्रेम के साथ रखें अपना तर्क
वैवाहिक जीवन में कई बार तर्क-वितर्क की परिस्थितियां निर्मित होती हैं। पति-पत्नी किसी एक विषय पर अलग-अलग तर्क रखते हैं और वाद-विवाद होता है। ऐसी स्थिति में ध्यान रखना चाहिए कि अपना तर्क रखें, लेकिन प्रेम के साथ। अपना तर्क प्रस्तुत करते समय हमारी भाषा और हाव-भाव में क्रोध और अहंकार नहीं होना चाहिए। शांति और प्रेम के साथ अपनी बात जीवनसाथी के सामने रखेंगे तो झगड़े की नौबत निर्मित नहीं होगी।
हर रोज जीवन साथी से कहें कोई एक अच्छी बात
अपनी तारीफ सुनना सभी को अच्छा लगता है, खासतौर पर तारीफ जीवनसाथी करें तो विशेष खुशी मिलती है। पति-पत्नी, दोनों को हर रोज तारीफ से जुड़ी कम से कम एक अच्छी बात एक-दूसरे से कहनी चाहिए। कुछ ही दिनों में इसका सकारात्मक असर दिख सकता है, आपसी प्रेम बढ़ेगा।
बेडरूम में न करें किसी तीसरे व्यक्ति की बात
पति-पत्नी को बेडरूम में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि एकांत में सिर्फ एक-दूसरे की बात करें। किसी तीसरे व्यक्ति के संबंध में बात नहीं करनी चाहिए। एकांत में पति-पत्नी स्वयं की बातें करेंगे तो विवाद की सभी संभवानाएं ही समाप्त हो जाएंगी।
तनाव दूर करने का प्रयास करें
अक्सर कई लोग ऑफिस का तनाव घर लेकर आते हैं। ऑफिस में बॉस या किसी अन्य कर्मचारी के साथ वाद-विवाद का तनाव या काम में असफलता का तनाव। ऐसी परिस्थिति में पत्नी को पति का तनाव दूर करने का प्रयास करना चाहिए। तनाव का कारण जानकर, उसे दूर करने का सही रास्ता बताना चाहिए। पत्नी को एक अच्छी सलाहकार की भी भूमिका निभानी चाहिए। ये बात वैवाहिक जीवन में सुख और शांति के साथ ही प्रेम भी बढ़ाएगी।
पुरानी गलतियों की बातें न करें
यदि पिछले समय में जीवन साथी से कोई गलती हो गई है तो उसका जिक्र वर्तमान में नहीं होना चाहिए। जो अप्रिय घटना बीत गई है उसके संबंध में बातचीत करेंगे तो दुख ही प्राप्त होगा। अत: पुरानी गलतियों को भुलाकर आगे बढ़ना चाहिए।

6 टिप्स, जिनसे पति-पत्नी को मिलता है लाभ


वैवाहिक जीवन सुखी और शांत हो तो धरती पर ही स्वर्ग की अनुभूति प्राप्त होती है। आधुनिक युग में अधिकांश लोगों की मैरिड लाइफ से शांति गायब हो गई है। समय के साथ-साथ पति-पत्नी के बीच का प्रेम भी कम होता जाता है। यहां जानिए कुछ ऐसी बातें जो वैवाहिक जीवन में हमेशा प्रेम बनाए रखती हैं...
1. तनाव दूर करने का प्रयास करें
अक्सर कई लोग ऑफिस का तनाव घर लेकर आते हैं। ऑफिस में बॉस या किसी अन्य कर्मचारी के साथ वाद-विवाद का तनाव या काम में असफलता का तनाव। ऐसी परिस्थिति में पत्नी को पति का तनाव दूर करने का प्रयास करना चाहिए। तनाव का कारण जानकर, उसे दूर करने का सही रास्ता बताना चाहिए। पत्नी को एक अच्छी सलाहकार की भी भूमिका निभानी चाहिए। ये बात वैवाहिक जीवन में सुख और शांति के साथ ही प्रेम भी बढ़ाएगी।
2. बेडरूम में न करें किसी तीसरे व्यक्ति की बात
पति-पत्नी को बेडरूम में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि एकांत में सिर्फ एक-दूसरे की बात करें। किसी तीसरे व्यक्ति के संबंध में बात नहीं करनी चाहिए। एकांत में पति-पत्नी स्वयं की बातें करेंगे तो विवाद की सभी संभवानाएं ही समाप्त हो जाएंगी।
3. पुरानी गलतियों की बातें न करें
यदि पिछले समय में जीवन साथी से कोई गलती हो गई है तो उसका जिक्र वर्तमान में नहीं होना चाहिए। जो अप्रिय घटना बीत गई है उसके संबंध में बातचीत करेंगे तो दुख ही प्राप्त होगा। अत: पुरानी गलतियों को भुलाकर आगे बढ़ना चाहिए।
4. पति-पत्नी, दोनों को एक ही समय नहीं होना चाहिए गुस्सा
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए ये बात ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जब जीवन साथी गुस्से में हो तो उस समय दूसरे को शांत रहना चाहिए। यदि पति-पत्नी, दोनों ही एक समय पर गुस्सा करेंगे तो बात बहुत ज्यादा बिगड़ सकती है। क्रोध की अवस्था में सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है और व्यक्ति सही-गलत का फर्क भी नहीं कर पाता है। अत: क्रोधित जीवन साथी को शांत करने का प्रयास करना चाहिए।
5. प्रेम के साथ रखें अपना तर्क
वैवाहिक जीवन में कई बार तर्क-वितर्क की परिस्थितियां निर्मित होती हैं। पति-पत्नी किसी एक विषय पर अलग-अलग तर्क रखते हैं और वाद-विवाद होता है। ऐसी स्थिति में ध्यान रखना चाहिए कि अपना तर्क रखें, लेकिन प्रेम के साथ। अपना तर्क प्रस्तुत करते समय हमारी भाषा और हाव-भाव में क्रोध और अहंकार नहीं होना चाहिए। शांति और प्रेम के साथ अपनी बात जीवनसाथी के सामने रखेंगे तो झगड़े की नौबत निर्मित नहीं होगी।
6. हर रोज जीवन साथी से कहें कोई एक अच्छी बात
अपनी तारीफ सुनना सभी को अच्छा लगता है, खासतौर पर तारीफ जीवनसाथी करें तो विशेष खुशी मिलती है। पति-पत्नी, दोनों को हर रोज तारीफ से जुड़ी कम से कम एक अच्छी बात एक-दूसरे से कहनी चाहिए। कुछ ही दिनों में इसका सकारात्मक असर दिख सकता है, आपसी प्रेम बढ़ेगा।

मरने के बाद फिर जीवित हुए थे कर्ण, दुर्योधन व भीष्म

ये बात तो सभी जानते हैं कि महाभारत के युद्ध में पांडवों ने भीष्म, द्रोणाचार्य, दुर्योधन, कर्ण आदि योद्धाओं का वध कर दिया था, लेकिन ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि महाभारत युद्ध में मारे गए सभी वीर एक रात के लिए पुनर्जीवित हुए थे। ये बात पढ़ने में थोड़ी अजीब जरूर लग सकती है, लेकिन इस घटना का पूरा वर्णन महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत ग्रंथ के आश्रमवासिक पर्व में मिलता है।
ये घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि जब धृतराष्ट्र, गांधारी व कुंती वानप्रस्थ आश्रम में रह रहे थे, उस समय युधिष्ठिर अपने परिवार के साथ उनसे मिलने गए। तभी वहां महर्षि वेदव्यास भी आए। उन्होंने ही अपने तप के बल से एक रात के लिए युद्ध में मारे गए योद्धाओं को फिर से जीवित किया था। इस पूरी घटना का विस्तृत वर्णन इस प्रकार है-

15 साल तक युधिष्ठिर के साथ रहे धृतराष्ट्र
महाभारत युद्ध के बाद युधिष्ठिर हस्तिनापुर के राजा बने व धर्मपूर्वक शासन करने लगे। युधिष्ठिर प्रतिदिन धृतराष्ट्र व गांधारी का आशीर्वाद लेने के बाद ही अन्य काम करते थे। इस प्रकार अर्जुन, नकुल, सहदेव, द्रौपदी आदि भी सदैव धृतराष्ट्र व गांधारी की सेवा में लगे रहते थे, लेकिन भीम के मन में धृतराष्ट्र के प्रति हमेशा द्वेष भाव ही रहता। भीम धृतराष्ट्र के सामने कभी ऐसी बातें भी कह देते जो कहने योग्य नहीं होती थी।
इस प्रकार धृतराष्ट्र, गांधारी को पांडवों के साथ रहते-रहते 15 साल गुजर गए। एक दिन भीम ने धृतराष्ट्र व गांधारी के सामने कुछ ऐसी बातें कह दी, जिसे सुनकर उनके मन में बहुत शोक हुआ। तब धृतराष्ट्र ने सोचा कि पांडवों के आश्रय में रहते अब बहुत समय हो चुका है। इसलिए अब वानप्रस्थ आश्रम (वन में रहना) ही उचित है। गांधारी ने भी धृतराष्ट्र के साथ वन जाने में सहमति दे दी। धृतराष्ट्र व गांधारी के साथ विदुर व संजय ने वन जाने का निर्णय लिया।