बिहार – विशेष दर्ज़ा या विशेष लूट


जहाँ एक ओर बिहार सरकार केन्द्रीय सहायता को मार्च आ जाने तक भी पूरी तरह उपयोग नहीं कर पायी है, और दूसरी ओर केन्द्रीय योजनाओं में बेतहाशा लूट जारी है, यह समझना कठिन है की नितीश कुमार और उनके साथियों का बिहार को विशेष दर्ज़ा दिए जाने से उनका क्या तात्पर्य है. मनरेगा को चलाने वाले एक-एक ठेके पर बहाल कर्मचारी पटना में ५० - ६० लाख का घर ले रहें है, और सरकार दावा करती है की योजना में सहायता कम पड़ रही है. लालू प्रसाद की पिछले सरकार ने जहाँ एक ओर सिर्फ लूटने का काम किया था, यह सरकार काम भी कर रही है और लूट भी जारी है.
कैग ( भारत सरकार का महालेखाकार) के रिपोर्ट में कहा गया था की २००७-०८ तक बिहार सरकार ने ११,४१२ करोड़ रूपये के विकास खर्च के लेख-जोखा में गड़बड़ी की है, और बाद में पटना उच्च न्यायलय ने भी इस पर संज्ञान लिया था और सी बी आई जांच की अनुशंसा की थी, जिसे manage कर लिया गया.
                          
कैग की एक दुसरे रिपोर्ट में कहा गया है की बाढ़ सहायता में एक बड़ा घोटाला हुआ है और अगस्त - अक्तूबर २००७ में कुछ जिलों में ट्रक पर राशन भेजने के बजाय मोटर सायकल पर खाद्य सामग्री ढोए गए थे जिसमें बाढ़ राहत के लिए २७४.१५ quintal का गोल माल हुआ था. विधान सभा में पेश कैग के अन्य रिपोर्ट में दोपहर खाने, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना में भारी घोटाले के आरोप लगाये गए हैं जिन पर राज्य सरकार ने कोई कार्यवाई नहीं की है. कैग रिपोर्ट में राष्ट्रीय  ग्रामीण स्वास्थ्य स्कीम, जननी सुरक्षा योजना अदि में भ्रष्ट अफसरशाही के कारण १४०० कड़ोड़ रूपये का घोटाला हुआ. शिक्षक ट्रेनिंग के लिए ८.७३ करोड़ रूपये का कोई उपयोग ही नहीं हुआ.
कोशी त्रासदी की मार झेल चुकी जनता बाढ़ राहत के घोटाले की भुक्तभोगी है. आश्चर्य यह है की कोसी त्रसदी की जांच के लिए नियुक्त राजेश वालिया आयोग को तीन महीने में रिपोर्ट देना था परन्तु चार वर्ष बीत जाने पर भी रिपोर्ट का अता-पता नहीं है.

निजी स्कूलों में अभिवंचित वर्ग के लिए 25 फीसदी सीटें

शिक्षा से जोड़ने की पहल
-इनमें भी 50 फीसदी बालिकाओं का होगा नामांकन
-सामान्य वर्ग के कम आय वाले परिवार के बच्चों का भी होगा दाखिला
-नामांकन में प्रावधान की अवहेलना करनेवाले स्कूलों के खिलाफ होगी कार्रवाई
अजित कुमार, मुजफ्फरपुर : सूबे की सरकार ने गरीब व अभिवंचितों को शिक्षा से जोड़ने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। नए प्रावधान के तहत निजी स्कूलों में अब 25 फीसदी गरीब व अभिवंचित परिवार के बच्चों का नामांकन सुनिश्चित कर दिया गया है। इनमें भी 50 फीसदी सीट बालिकाओं के लिए रिजर्व होगी। मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव ने स्कूलों को दिशानिर्देश जारी कर कहा है कि ऐसी बालिकाओं के नामांकन में कोई शुल्क नहीं लिया जाए।
जानकारी के अनुसार सीबीएसई व आईसीएसई से मान्यता प्राप्त व गैरमान्यता प्राप्त स्कूल इसके दायरे में हैं। मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह ने डीईओ को इसका अनुपालन कराने की जिम्मेवारी सौंपी है। उधर, बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने डीईओ से गरीब बच्चों के नामांकन की रिपोर्ट मांगी है। साथ ही नामांकन का विरोध करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। प्रावधान के अनुसार दो लाख रुपये वार्षिक से कम आय वाले सामान्य वर्ग के परिवारों के बच्चे भी इस दायरे में आएंगे।
विभाग ने बच्चों के नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 2डी व 2ई में प्रदत्त शक्तियों के आलोक में अलाभकारी एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को इस अधिनियम के संदर्भ में परिभाषित किया है। अलाभकारी समूह का अभिप्राय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक परिवारों के बच्चे तथा कमजोर वर्ग का अभिप्राय सामान्य समूह के बच्चे (अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक को छोड़कर) जिनके माता पिता की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम है।

शिक्षकों की अनुपस्थिति से पढ़ाई बाधित

छातापुर (सुपौल),  : प्रखंड के जीवछपुर पंचायत स्थित कामत टोला प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिका के अनुपस्थित रहने से पठन-पाठन प्रभावित है।
ग्रामीणों से मिली जानकारी अनुसार विद्यालय के प्रधानाध्यापक तथा सहायक शिक्षिका प्राय: ही विद्यालय से अनुपस्थित रहती है। मध्याह्न भोजन भी यहां प्राय: नहीं चलाया जाता है। लोगों का कहना है कि मुख्य सड़क से दूर पलार पर अवस्थित होने के कारण इस विद्यालय में किसी भी जांच अधिकारी के निरीक्षण हेतु पहुंचने की संभावना कम ही रहती है। जिस कारण यहां के शिक्षक बैखौफ हैं। लिहाजा पढ़ाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति किये जाने से बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर विपरीत असर पर रहा है।
स्थानीय नागरिकों में परमेश्वर कामत, कृष्ण कुमार मुखिया, बैजू कुमार, श्याम देव कामत, बिरेन कामत, उमेश राम, मिश्रीलाल कामत, उपेन्द्र कामत इत्यादि ने शिक्षा अधिकारी से औचक निरीक्षण कर व्यवस्था में सुधार लाने की मांग की है।
पूछे जाने पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शफीउल्लाह आजाद कहते हैं कि अध्यापक ब्रज नारायण कुमार के बारे में जितना वो जानते हैं उसके अनुसार वह विद्यालय में ही डेरा रखे हुये है। इसलिए उनके अनुपस्थित होने की संभावना नहीं है। परन्तु अध्यापिका चूंकि बलुआ से आती जाती है अत: उनके प्राय: अनुपस्थित रहने की बात सम्य हो सकती है। मध्याह्नन भोजन के बारे में उनका कहना है कि उक्त विद्यालय में फरवरी से ही जनगणना के कारण चावल रहने के बावजूद मध्यहान भोजन बंद है। तथा प्रधानाध्यापक द्वारा प्रपत्र क भी जमा नहीं करवाया गया है।

फेसबुक पर हिन्दू देवी-देवताओं की अश्लील तस्वीरे और टिप्पणी

राकेश सिंह/२८ मार्च २०११
दुनियां का नंबर वन सोशल नेटवर्किंग साईट विवादों के घेरे में आ गया है.न तो इस पर बनाये प्रोफाइल पर फेसबुक वालों का कंट्रोल रह गया है और न ही ये जल्दीबाजी में लोगों की शिकायत दूर करने में सक्षम रह गया है.मालूम हो कि भारत सहित अधिकाँश देशों में युवा-युवती 'इंटरनेट बोले तो फेसबुक' मानते हैं और पॉजिटिव एनर्जी को दिन भर फेसबुक में खपा कर इसी में अपना भविष्य तलाशते रहते हैं.इसी क्रम में कुछ सनकी लोगों ने  इस पर कई अश्लील पेज बना दिया है जो बच्चों और महिलाओं के सामने यदा-कदा प्रस्तुत कर दिया जाता है.ऐसा ही एक महा-अश्लील पेज फेसबुक पर पिछले माह से टिका हुआ है,जिस पर करीब सारे महत्वपूर्ण देवी-देवताओं की अश्लील तस्वीरें बना कर पोस्ट की गयी है और साथ ही इसमें की गयी हैं इनके विरूद्ध अश्लील टिप्पणियाँ.बहुत सारे लोगों ने तो इसी सनकी और अधार्मिक युवक को उसी के अंदाज में करारा जवाब भी दिया है,पर सवाल ये उठता है कि क्या फेसबुक भविष्य का गाली-गलौज और अश्लीलता का साईट बन कर रह जाएगा.
क्या करना चाहिए?
     १४ मई १९८४ को जन्मे हार्वर्ड के छात्र मार्क जुकरबर्ग ने जब २००४ में फेसबुक को शुरू किया तो क्या उसने कभी सोचा था कि पैसे कमाने की धुन में उसके फेसबुक धर्म को अपमानित करने का भी साईट बनेगा?आखिर फेसबुक वालों के दो हजार कर्मचारी कर क्या रहे हैं?मधेपुरा टाइम्स इस पेज पर आपत्ति मार्क जुकरबर्ग के पास दर्ज भी करा चुका है,फिर भी ये शख्स और उसकी टीम क्या कर रहे हैं,समझ से बाहर है.क्या इससे ऐसा नही प्रतीत होता है कि विवादों को जन्म देकर ये सोशल नेटवर्किंग साईट लोगों की बड़ी भीड़ को जमा कर रहा है जो उसके लिए रेवन्यू का उत्पादन करते हैं?

क्या ये सिंघेश्वर मेला के अस्तित्व को मिटाने की साजिस है?


उजड़ा मेला उजड़ी उम्मीदें
रूद्र नारायण यादव/१८ मार्च २०११
प्रशासन द्वारा कल ही सिंघेश्वर मेला समापन की घोषणा ने सभी को असमंजस में डाल दिया है.ऐसा विगत कई वर्षों से नही हुआ था.पिछले वर्ष भी मेला करीब एक महीने तक रहा था.जाहिर है एक महीने तक रहने वाले प्रसिद्ध सिंघेश्वर मेले के प्रति लोगों का उत्साह चरम पर होता था.पर जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं,आम लोगों के साथ मेले से सम्बंधित व्यापारियों के भी उत्साह पर पानी फेर दिया है.बताते हैं की इस बार मेले में भीड़ काफी बढ़ रही थी.इस बार भी थियेटर,सर्कस,मौत का कुआं, विभिन्न प्रकार के झूलों समेत सैकड़ों आकर्षण मेले में आये थे.दरअसल व्यापारी वर्ग को भी मेले से काफी उम्मीदें बंधी रहती
खत्म हुआ ये खेल भी अब तो
है.बात स्स्फ़ है,ढेर सारे सामानों को लाने-ले जाने में काफी खर्च व परेशानी होती है

बॉलीवुड के कलाकारों को लेकर बनेगी हॉलीवुड की फिल्म



मुंबई। फिक्की फोरम 2011 के अंतिम दिन शुक्रवार को हॉलीवुड सुपर स्टार ह्यूज जैकमैन और हिंदी सिनेमा के किंग शाहरुख खान एक मंच पर आए। दोनों स्टार्स ने न सिर्फ हॉल में एकत्रित लोगों का भरपूर मनोरंजन किया बल्कि बॉलीवुड और हॉलीवुड सिनेमा पर गंभीर चर्चा की।
एक्स मैन सीरीज और वुलवरीन शेम से लोकप्रिय हुए ह्यूज जैकमैन का परिचय शाहरुख खान ने बॉलीवुड स्टाइल में दिया। जैकमैन की फिल्मों के दृश्य और हिंदी फिल्मों के गीत मिलाकर एक ऑडियो विजुअल तैयार किया गया था।
पहली बार हिंदुस्तान आए जैकमैन ने कहा कि मैं मुंबई में 24 घंटे रहा हूं, लेकिन ऐसा लग रहा है जैसे एक सप्ताह से हूं। यहां का कल्चर और डाइवर्सिटी कमाल की है। मैं भारत वापस आना पसंद करूंगा।

अज़ीब शख़्स था, आँखों में ख़्वाब छोड़ गया

अज़ीब शख़्स था, आँखों में ख़्वाब छोड़ गया
वो मेरी मेज़ पे, अपनी किताब छोड़ गया

नज़र मिली तो अचानक झुका के वो नज़रें
मेरे सवाल के कितने जवाब छोड़ गया

उसे पता था, कि तन्हा न रह सकूँगी मैं
वो गुफ़्तगू के लिए, माहताब छोड़ गया

गुमान हो मुझे उसका, मिरे सरापे पर
ये क्या तिलिस्म है, कैसा सराब छोड़ गया

सहर के डूबते तारे की तरह बन 'श्रद्धा'
हरिक दरीचे पे जो आफताब छोड़ गया

अज़ाब – punishment / Pain
सराब- Illusion
आफताब- Sun



--श्रद्धा जैन,सिंगापुर (शोजन्य मधेपुरा टाइम्स)

स्वास्थ्य से ज्यादा खूबसूरती पर खर्च करती हैं महिलायें

राकेश  सिंह/२ फरवरी २०११ 
ये बात खतरनाक साबित हो सकती है और कुछ मामलों में हो भी रही है.पहले ये माना जाता था कि व्यक्ति अगर स्वस्थ है तो उसकी खूबसूरती में निखार स्वत: आ जाता है.यानि स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा रही थी.पर ताजा सर्वेक्षण कहते हैं कि अब महिलाएं खूबसूरती के लिए अपने स्वास्थ्य को दाव पर लगाने को तैयार हैं.
  ब्रिटेन के स्वास्थ्य समूह बेनेंन्डन हेल्थकेयर सोसाइटी ने जो १८ से ६५ आयुवर्ग की ३००० महिलाओं पर ताजा सर्वेक्षण कराया उसके परिणाम निश्चित रूप से चौंकाने वाले रहे. प्राप्त आकड़ों के आधार पर देखा गया कि करीब 19 प्रतिशत ने चुस्त फैशन के दौर के हिसाब से चलने के लिए डायटिंग और 20 में से एक ने जुलाब का सहारा लेने की बात स्वीकारी. सर्वेक्षण के मुताबिक महिलाएं मेक-अप, सौंदर्य उत्पादों आदि पर एक साल में करीब 336 पौंड खर्च करती हैं, वहीं विटामिन और जिम की सदस्यता के लिए महज 228 पौंड खर्च करतीं हैं.
  भारत की स्थिति भी कमोबेश यही है.गली-गली में खुल गए ब्यूटी-पार्लर में महिलाओं की भारी भीड़ कहते हैं कुछ खास.शादी के अवसर पर तो दूर,छोटे पार्टियों में भी जाने से पहले महिलाएं ब्यूटी-पार्लर में जाकर सजने में नही चूकती हैं.मधेपुरा जैसे छोटे शहर में भी महिलाओं में फैशन का चस्का कूट-कूटकर भर गया है.

क्यों गुलमोहर का भरम तोर दिया ?

जब भी चाहा तुमने
रूप के सौदागर बने
भोग सम्भोग के पार
ना जाना तुमने
एक नया आकाश
एक नई धरती
एक नयी दुनिया
तुम्हारे इंतजार में थी
मगर तुमने तो
दुनिया के तमाम
रास्ते ही बंद कर दिए
पता नहीं मिटटी में
तुम्हें कौन सा सुख मिला
जो तुम कभी
मूरत तक पहुँच ही नहीं सके
क्या जीने के लिए
सिर्फ देह ही जरूरी थी
या देह से इतर भी
कुछ होता है

सिंघेश्वर मेला हुआ आज से शुरू: निकली बारात भोले शंकर की

रूद्र नारायण यादव/०२ मार्च २०११
एक पखवारे तक चलने वाले विश्वप्रसिद्ध सिंघेश्वर मेला आज महाशिवरात्रि के दिन से शुरू हो गया.मेले का उदघाटन उद्योग तथा आपदा मंत्री रेणु कुमारी कुशवाहा ने किया.उदघाटन अवसर पर मंत्री के साथ सिंघेश्वर के जदयु विधायक रमेश ऋषिदेव, जदयु के बिहार प्रदेश महासचिव विजय कुमार सिंह, जिलाधिकारी मिन्हाज आलम, एसपी वरुण कुमार सिन्हा, डीएसपी विजय कुमार  आदि भी उपस्थित थे.आज इस मेले के उदघाटन के बाद से ही लोगों की भारी भीड़ मेले में देखी गयी.सिंघेश्वर मेले में आज पहले दिन ही सैकड़ों

मंदिर परिसर में आवारा कुत्तों का जमावड़ा:ट्रस्ट लापरवाह

रूद्र नारायण यादव/०१ मार्च २०११
कल महाशिवरात्रि है और श्रद्धालुओं का उत्साह सिंघेश्वर मंदिर के प्रति अभी से चरम पर दिख रहा है.कल संध्या ४ बजे बाबा भोले की बारात भी मंदिर परिसर से निकलेगी और कल ही सिंघेश्वर मेला का उदघाटन ११ बजे दिन में होना है.पर लगता है इस बार श्रद्धालुओं को कुछ खास वजहों  से खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.और होने वाली इन खासी परेशानी के पीछे जिम्मेवार है जिला प्रशासन और सिंघेश्वर मंदिर न्यास समिति.

फैशन की दुनियां का ब्रांड बना 'छोरा कोशी किनारेवाला'

सुपौल  के गोविन्द बने 'टॉप अपकमिंग फैशन डिजायनर-2011'
पंकज भारतीय/०४ मार्च २०११
धैर्यपूर्वक सब सहो,
होगी सफलता क्यों नही,
कर्तव्य पथ पर दृढ़ रहो.'
मैथिलीशरण  गुप्त की इन पंक्तियों को जीवन का मूलमंत्र बनाया सुपौल सदर प्रखंड के सुखपुर के गोविन्द कुमार सिंह ने.इसी मन्त्र के बल पर इस उत्साही युवक ने फैशन की दुनियां में धमाल मचाकर एक साथ कई मिथकों को तोड़ा है.गोविन्द के बुलंदियों पर पहुँचने की कहानी भी कम संघर्षपूर्ण नही है.२५ वर्षीय गोविन्द जब १०वीं कक्षा का छात्र था तो सिर से पिता का साया उठ गया.चार माह बाद ही माँ की ममता भी छिन गयी.
          कोशी के गोविन्द कुमार सिंह  ने ७०० से अधिक युवा डिजायनरों को पीछे छोड़ते हुए १४ फरवरी को वर्ष २०११ का सर्वोच्च डिजायनिंग पुरस्कार "टॉप अपकमिंग फैशन डिजायनर अवार्ड" अपने नाम किया.कॉटन काउंसिल इंटरनेशनल, न्यूयार्क द्वारा ज़ूम टीवी पर आयोजित रियलिटी शो 'लेट अस डिजायन-सीजन 3' में गोविद विजेता घोषित हुए.ग्रांड फिनाले में उपस्थित फैशन जगत की नामचीन हस्ती रॉकीएस, गायत्री खन्ना एवं दीपिका ने गोविद के डिजायन किये कपड़ों की भूरि-भूरि प्रशंसा की.मशहूर मॉडल निकोल फाडिया ने गोविन्द के डिजायन किये हुए कपड़े को पहन प्रदर्शन किया.
 गोविन्द बोले तो ब्रांड: वर्ष २००८ में इंडो-स्विस फैशन शो में भारत का प्रतिनिधित्व,वर्ष २००९ में क्रिसायलास नेशनल अवार्ड और बेस्ट प्रेट डिजायनर अवार्ड एवं वर्ष २०१० में मोस्ट क्रिएटिव एंड इनोवेटिव डिजायन कलेक्शन अवार्ड से सम्मानित गोविन्द फैशन की दुनिया में अब परिचय के मुहताज नही हैं.बल्कि उम्मीद से परे गोविन्द अब ब्रांड बन्ने को तैयार हैं.देश की सबसे बड़ी डिजायनर स्टोर 'किमाया' अब गोविन्द के नाम का लेबल  लगाकर उसके डिजायन किये कपडों को भारत एवं दुबई में शीघ्र ही लॉन्च करने जा रही है.
टर्निंग पॉइंट साबित हुआ 'निफ्ट' में दाखिला: ग्रामीण परिवेश में पले बढे गोविन्द ने २००२ में विपरीत पारिवारिक परिस्थिति के बावजूद उच्च विद्यालय सुखपुर से मैट्रिक और २००४ में मधेपुरा से इंटर की पढाई पूरी की.मामा सुजीत कुमार ने हौसला अफजाई के साथ आर्थिक और नैतिक मदद भी की.२००६ में 'निफ्ट' की प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल की.उसका नामांकन नेशनल स्कूल ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, बंगलुरु में हुआ.यह गोविन्द के लिए 'टर्निंग पॉइंट' साबित हुआ.
       गोविन्द ने फैशन डिजायनिंग में स्नातक की उपाधि भले ही वर्ष २०१० में पूरी की,लेकिन सफलता का परचम लहराना उन्होंने पढाई के बीच से ही आरम्भ कर दिया था.फैशन की दुनिया में दर्जनों अवार्ड जीतने वाले गोविन्द फिलवक्त आदित्य बिरला ग्रुप के मदुरा फैशन एंड लाइफस्टाइल बंगलुरु में बतौर असिस्टेंट डिजायनर कार्यरत हैं.
छोटा दिल,बड़े सपने:पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानने वाले गोविन्द कुमार सिंह बड़े सपने संजोये हुए  हैं.बंगलुरु,मुंबई और दिल्ली की चकाचौंध भरी मायावी दुनियां में रहकर भी अपने दिल में जन्मभूमि के प्रति बड़े सपने पाल रखे हैं.दूरभाष पर गोविन्द ने कहा कि उनकी तमन्ना है कि सुपौल में एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाऊं.इससे न केवल इस इलाके की बदहाली दूर होगी,बल्कि युवा हाथ को काम भी मिलेगा.इसके लिए रियलिटी शो के जरिये वे धन जमा करने की सोच रहे हैं.

बेटे ने माँगा भोजन,बाप ने दी मौत

भीमनगर (सुपौल) से लौटकर पंकज भारतीय/२७ जून २०१० 
कहते हैं कि  हर मासूम में भगवान का अक्श होता है लेकिन नशे की लत में कोई आदमी हैवानियत की उस मंजिल तक पहुँच सकता है जहाँ मासूम और मासूमियत भी कोई मायने नहीं रखती है.जी हाँ,हम बात कर रहें एक ऐसे ही हैवान की जिसने महज इसलिए अपने पांचवर्षीय मासूम बेटे की हत्या कर दी कि उस भूखे मासूम ने देर रात में नशे में धुत्त तथा टी०बी० के मरीज बाप से भोजन की मांग की.
             
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुपौल के भीमनगर के वार्ड नं० १ निवासी राजेश कुमार शर्मा २६ जून की देर रात में नशे की हालत में जब अपने घर पहुंचा तो उसका पांच वर्षीय बेटा अंशु भूख की वजह से सो नहीं पा रहा था.
बाप के आते ही बेटे ने रोकर भूखे होने की बात कही तो पुत्रहंता राजेश ने गुस्से में आकर बेटे का गला दबाना
शुरू किया जिससे तत्काल उसकी मौत हो गयी.बाप के इस रौद्र रूप को देखकर उसकी बेटी सोनी (७ साल) किसी तरह जान बचाकर भागने में कामयाब रही.यह महज संयोग था कि एक बेटा सोनू(११ साल) जो कि एक स्थानीय होटल में नौकरी करता है घर में मौजूद नहीं था.
नशेड़ी राजेश के व्यवहार से तंग आकर कुछ दिन पहले ही पत्नी अपने छोटे तीन बच्चे को लेकर किसी अज्ञात स्थान पर चली गई है.पुत्र की हत्या के बार जालिम राजेश ने सारी मर्यादा को लांघते हुए बेटे की लाश को नहर के किनारे जमीन में दफ़न कर दिया.सोनी के सूचना के आधार पर बीरपुर पुलिस ने जमीन के अंदर से लाश को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल सुपौल भेज दिया है.पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर राजेश को गिरफ्तार कर लिया है.

बुनियादी समस्याओं से अवगत हुए न्यायमूर्ति

वीरपुर (सुपौल), निप्र व्यवहार न्यायालय वीरपुर के निरीक्षण के उपरांत शनिवार को विधिज्ञ संघ भवन में पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सह सहरसा न्याय मंडल के

जानकारी के अभाव में प्रभावित हो

वीरपुर (सुपौल), निसं सिंचाई प्रमंडल वीरपुर के अवर प्रमंडल भीमनगर के कटैया प्रशाखा में चालीस वर्षो से रखे गये सीट पाइलों की चोरी के मामले में पुलिस सही

सरायगढ़ में पांचवें दिन हुआ 179 पर्चा दाखिल

सरायगढ़ (सुपौल),निप्र: पंचायत चुनाव के लिए हो रहे नामांकन में सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड कार्यालय में शनिवार को कुल 179 पर्चे दाखिल हुए। प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी

कार्यकारिणी की गठन को लेकर बैठक

छातापुर (सुपौल), संसू जिला स्तरीय कार्यकारिणी के गठन को लेकर जदयू की एक बैठक चिन्तानंद मंडल (प्रदेश सचिव जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ) की अध्यक्षता में उनके