फेसबुक पर हिन्दू देवी-देवताओं की अश्लील तस्वीरे और टिप्पणी

राकेश सिंह/२८ मार्च २०११
दुनियां का नंबर वन सोशल नेटवर्किंग साईट विवादों के घेरे में आ गया है.न तो इस पर बनाये प्रोफाइल पर फेसबुक वालों का कंट्रोल रह गया है और न ही ये जल्दीबाजी में लोगों की शिकायत दूर करने में सक्षम रह गया है.मालूम हो कि भारत सहित अधिकाँश देशों में युवा-युवती 'इंटरनेट बोले तो फेसबुक' मानते हैं और पॉजिटिव एनर्जी को दिन भर फेसबुक में खपा कर इसी में अपना भविष्य तलाशते रहते हैं.इसी क्रम में कुछ सनकी लोगों ने  इस पर कई अश्लील पेज बना दिया है जो बच्चों और महिलाओं के सामने यदा-कदा प्रस्तुत कर दिया जाता है.ऐसा ही एक महा-अश्लील पेज फेसबुक पर पिछले माह से टिका हुआ है,जिस पर करीब सारे महत्वपूर्ण देवी-देवताओं की अश्लील तस्वीरें बना कर पोस्ट की गयी है और साथ ही इसमें की गयी हैं इनके विरूद्ध अश्लील टिप्पणियाँ.बहुत सारे लोगों ने तो इसी सनकी और अधार्मिक युवक को उसी के अंदाज में करारा जवाब भी दिया है,पर सवाल ये उठता है कि क्या फेसबुक भविष्य का गाली-गलौज और अश्लीलता का साईट बन कर रह जाएगा.
क्या करना चाहिए?
     १४ मई १९८४ को जन्मे हार्वर्ड के छात्र मार्क जुकरबर्ग ने जब २००४ में फेसबुक को शुरू किया तो क्या उसने कभी सोचा था कि पैसे कमाने की धुन में उसके फेसबुक धर्म को अपमानित करने का भी साईट बनेगा?आखिर फेसबुक वालों के दो हजार कर्मचारी कर क्या रहे हैं?मधेपुरा टाइम्स इस पेज पर आपत्ति मार्क जुकरबर्ग के पास दर्ज भी करा चुका है,फिर भी ये शख्स और उसकी टीम क्या कर रहे हैं,समझ से बाहर है.क्या इससे ऐसा नही प्रतीत होता है कि विवादों को जन्म देकर ये सोशल नेटवर्किंग साईट लोगों की बड़ी भीड़ को जमा कर रहा है जो उसके लिए रेवन्यू का उत्पादन करते हैं?
क्या करें यूजर्स: यहाँ आवश्यकता है ऐसे लोगों का कड़ाई से विरोध करने की.यदि पाठकों को कोई भी आपत्तिजनक पेज फेसबुक पर मिलता है तो उस पेज पर 'बाएं पैनल' पर 'रिपोर्ट' में जाकर उचित विकल्प चुनकर 'सबमिट' करें ताकि फेसबुक टीम उस पर विचार कर सके.और फिर भी यदि आपके देवी-देवताओं का अपमान होता ही रहता है तो त्याग दें ऐसे अश्लीलता और अधर्म को बढ़ावा देने वाले वेबसाईट को ताकि हमारे धर्म और संस्कार जिन्दा रह सकें.( सौजन्य मधेपुरा टाइम्स)