अब गैस सिलेंडर के लिए देने होंगे 841 रुपए, आधार के बिना भी मिलेगा लाभ


भोपाल. राजधानी में रसोई गैस की सब्सिडी बैंक खातों के जरिए पाने की पात्रता हासिल कर 
 
चुके ग्राहकों को नए साल से 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर के लिए एकमुश्त 841 रुपए
देने होंगे। फिलहाल सिलेंडर 457 रुपए का आता है। नया सिलेंडर 484 रुपए का पड़ेगा। सब्सिडी 
के 357 रुपए ग्राहक के बैंक खाते में सीधे पहुंच जाएंगे। राजधानी में घरेलू गैस के उपभोक्ताओं 
के लिए डायरेक्ट कैश बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम एक जनवरी से दोबारा शुरू हो रही है। नई 
व्यवस्था में सिलेंडर महंगा होने का कारण सब्सिडी पर राज्य सरकार द्वारा लिया जाने वाला 
टैक्स है। एक सिलेंडर की मूल कीमत पर राज्य सरकार 59.71 रुपए टैक्स लेती है। जबकि 457 
के सब्सिडाइज्ड रेट वाले सिलेंडर पर यह टैक्स 32.44 रुपए ही है। उपभोक्ता को अब एक
सब्सिडाइज्ड सिलेंडर पर 27 रुपए ज्यादा देने होंगे। उधर, स्कीम से नहीं जुड़ने वाले ग्राहकों को 
31 मार्च तक यह सिलेंडर 457 रुपए में मिलता रहेगा। अप्रैल से गैस एजेंसियां रियायती दर का 
सिलेंडर बेचना बंद कर देंगी। ऐसे में स्कीम से न जुड़ने वालों को भी 841 रुपए में ही सिलेंडर 
खरीदना पड़ेगा। राजधानी में अब तक 5.35 लाख एलपीजी ग्राहकों में से 1.87 लाख ग्राहक
रसोई गैस की सब्सिडी बैंक खातों के जरिए पाने की पात्रता हासिल कर चुके हैं। अन्य 80 हजार 
ग्राहक ऐसे हैं जो आधार कार्ड होने के बाद भी इस योजना से नहीं जुड़े हैं। मार्च अंत तक इन्हें 
भी इस योजना से जुड़ना ही होगा।
 
यदि आपके पास आधार है:
आप यह आधार कार्ड और बैंक खाते की डिटेल जैसे खाता नंबर और आईएफएससी कोड लेकर
एलपीजी वितरक के पास जाएं। वहां आपको दो एक जैसे फार्म मिलेंगे। आप एक फॉर्म भरकर वितरक को दे दें। दूसरा आपको अपनी बैंक में देना होगा।
लेकिन अगर आधार कार्ड नहीं हैं
 
एलपीजी सिलेंडर की डिलिवरी की रसीद में छपी 17 अंकों की एलपीजी आईडी से भी सब्सिडी मिल सकती है। आप चाहें तो वितरक के पास मिलने वाले फॉर्म में बैंक की डिटेल भरकर उसे एलपीजी वितरक को दे दें। या रसीद की कॉपी लगाकर यही फॉर्म भरकर बैंक में दे दें। 
 
कैंसल्ड चेक देना जरूरी नहीं

एलपीजी आईडी से सब्सिडी पाना चाह रहे ग्राहक अगर बैंक न जाना चाहें तो वे एक कैंसल्ड चेक और दूसरी डिटेल वितरक को देकर सब्सिडी पा सकते हैं। ऑयल कंपनियों ने साफ कर दिया है कि कैंसल्ड चेक केवल बैंक अकाउंट और आईएफएससी कोड भरने के लिए है। अगर ग्राहक चाहे तो इसकी जगह वह बैंक पासबुक के पहले पन्ने की फोटोकॉपी भी दे सकता है। नए खुले खाते का नंबर दें तो बेहतर अगर आपके एक से अधिक बैंक खाते हों तो हो सकता है डायरेक्ट सब्सिडी के लिए आप जो बैंक खाते का नंबर दे रहे हैं उसके बजाय किसी दूसरे खाते में सब्सिडी आ जाए। यह स्थिति 
तब बनेगी जब आपका कोई नया बैंक खाता हो या आपने किसी पुराने खाते में नया पता और पहचान पत्र दाखिल किया हो। सब्सिडी उसी बैंक खाते में जाएगी, जिसकी केवाईसी नई हो।
 
फॉर्म नंबर की झंझट से मुक्ति, अब सिर्फ एक फार्म
15 नवंबर से दोबारा शुरू हुई रसोई गैस की सब्सिडी योजना में एलपीजी वितरक के पास चार तरह के फॉर्म रखे गए थे। आधार कार्ड या एलपीजी आईडी से जुड़ने वालों के लिए अलग-अलग फॉर्म थे। साथ ही वितरक के यहां और बैंक में भरे जाने वाले फॉर्म भी अलग-अलग थे। इसको 
लेकर ग्राहक भ्रम में थे। इसलिए ऑयल कंपनियों ने ये सारे फॉर्म एक से कर दिए हैं। केवल इनमें दी जाने वाली जानकारियों के कॉलम बढ़ा दिए हैं। आप केवल वही कॉलम भरें जो जरूरी हैं। 
 
आप लिंक हुए या नहीं ऐसे जानें

वितरक और बैंक के पास आधार कार्ड या एलपीजी आईडी लिंक कराने के बाद आप जैसे ही इस योजना से जुड़ेंगे, आपके रजिस्टर्ड मोबाइल फोन नंबर पर एसएमएस अलर्ट आएगा। अगर यह अलर्ट न आए तो आप टोल फ्री नंबर 1800-2333-555 पर संपर्क करें या www.mylpg.in पर लॉग इन कर जानकारी ले सकते हैं।
 
 
अगर आप नए साल में फोन, टीवी, फ्रिज या फिर गाड़ी खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो ये खबर कुछ निराश करने वाली है। दरअसल, जनवरी से कार, एसयूवी, दोपहिया वाहन, मोबाइल फोन, टीवी, फ्रिज, साबुन सब महंगे हो जाएंगे। सरकार ने इन सब पर उत्पाद शुल्क में छूट दिसंबर के बाद खत्म करने का फैसला किया है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह छूट अलग-अलग सेगमेंट पर 3 से 6 फीसदी तक थी। उद्योग की तरफ से इसे जारी रखने का दबाव था। लगातार दो साल तक गाड़ियों की बिक्री में गिरावट के बाद यूपीए सरकार ने फरवरी में अंतरिम बजट में कारों, एसयूवी, दोपहिया वाहनों पर उत्पाद शुल्क कम कर दिया था। इसके अलावा टीवी-फ्रिज जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल, और भारी मशीनरी जैसे कैपिटल गुड्स पर भी शुल्क में छूट दी गई थी। तब यह राहत जून तक थी। एनडीए सरकार ने इसे 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया था। 
कारों की बिक्री में गिरावट
साल 2012-13 में कारों की बिक्री में 6.7 फीसदी गिरावट आई थी। 2013-14 में भी इसमें 4.65 फीसदी गिरावट थी। ऑटो कंपनियों की संस्था सियाम ने चालू वित्त वर्ष के 
लिए 10 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया है। लेकिन कीमत बढ़ने पर इतनी ग्रोथ मुश्किल है। नवंबर में ऑटो इंडस्ट्री 12.39 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है। अप्रैल से नवंबर के दौरान कार बिक्री 3.82 फीसदी और एसयूवी की 5.24 फीसदी बढ़ी है। सितंबर- अक्टूबर में कार बिक्री में 
गिरावट आई थी। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने 
कहा कि इस कदम से बिक्री घटेगी। हम ज्यादा शुल्क का बोझ ग्राहकों पर डालने को मजबूर हैं।  
 
क्यों खत्म की छूट
सरकार पर राजकोषीय घाटा 4.1 फीसदी तक सीमित रखने का दबाव है। लेकिन उसकी कमाई
नहीं बढ़ रही है। एक्साइज ड्यूटी में छूट खत्म होने से सरकार को जनवरी से मार्च तक करीब 1,000 करोड़ रुपए की कमाई होगी। 
 
कितना असर होगा
छोटी कारों और दोपहिया पर एक्साइज ड्यूटी 4 फीसदी, मंझोली गाड़ियों पर 4 फीसदी, बड़ी 
कारों पर 3 फीसदी और एसयूवी पर 6 फीसदी बढ़ जाएगी। कंज्यूमर ड्यूरेबल 2 फीसदी महंगे 
होंगे। फरवरी में छोटी कारों और दोपहिया पर ड्यूटी 12 से घटाकर 8 फीसदी, मझोली कारों पर 
24 से घटाकर 20 फीसदी, बड़ी कारों पर 27 से घटाकर 24 फीसदी और एसयूवी पर 30 से घटाकर 24 फीसदी किया गया था। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर ड्यूटी 12 से घटाकर 10 फीसदी की गई थी।