"रोज़ एक आंवला खाने से दूर होगी सफेद बालों की समस्या, जानें इसके 10 uses"


लाइफस्टाइल डेस्क: आयुर्वेद के अनुसार आंवला में कई औषधीय गुण हैं। यह विटामिन सी का प्राकृतिक स्रोत है। इसे आप कच्चा भी खा सकते हैं, जूस निकालकर भी या फिर मुरब्बे के रूप में भी। कहते हैं कि हर रोज़ 1 आंवला ज़रूर खाना चाहिए। इससे कई बीमारियां दूर होती हैं। इंसान की आयु भी बढ़ती है। 1 आंवले में 2 संतरों जितना विटामिन सी होता है। ये हैं आंवला खाने के 10 फायदे।   
 
 
1. आंवले में विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट्स अच्छी मात्रा में होते हैं, जो बालों के प्राकृतिक रंग को बरकरार रखते हैं। यानी यह बालों को सफेद होने से भी बचाता है। आजकल छोटी उम्र में ही लोगों के बाल सफेद हो रहे हैं। ऐसे में, इन्हें रोज़ किसी भी रूप में आंवला खाने की हिदायत दी जाती है। साथ ही नकसीर (नाक से खून) में भी फायदा मिलता है। इसके लिए सूखा आंवला रात में भिगोकर उस पानी से सिर धो लें। आंवले का मुरब्बा खाएं। आंवले का रस नाक में टपकाएं।

स्कूल टेस्ट में फेल होने वाली लड़कियां करती हैं ज्यादा सेक्स!

symbolic image
स्कूल बंक करना, टेस्ट में फेल होना और बिना कंडोम के सेक्स करने के बीच इंडियाना यूनिवर्सिटी ने संबंध खोज निकाला है. इस यूनिवर्सिटी ने 14 से 17 साल की लड़कियों की 80 हजार डायरी की स्टडी करके इस बात का दावा किया है.टीन एजर्स लड़कियों के बीच किया गया यह अपनी तरह का पहला सर्वे है. इस स्टडी में लड़कियों के स्कूल की दिनचर्या और उनके सेक्‍सुअल रिलेशन के बीच अहम कड़ी खोजी गई है. 'द जर्नल ऑफ एडोलिसेंट हेल्थ' ने यह स्टडी की है.
इस स्टडी को 10 साल में पूरा किया गया. स्टडी में 387 लड़कियों की डायरियों से रोमांटिक और फिजिकल रिलेशन को लेकर उनके व्यवहार को समझने की कोशिश की गई है. स्टडी में शामिल लड़कियां अपने रोजमर्रा के व्यवहार को रिसर्चर से साझा करती थीं.
 
 
स्टडी की प्रमुख देवन जे हेंसल ने बताया कि स्टडी में हमने पाया कि जो युवा लड़कियां स्कूल बंक करती हैं और टेस्ट में फेल होती हैं, ऐसी लड़कियों के स्कूल बंक करने और टेस्ट में फेल होने वाले दिन बिना कंडोम के सेक्स करने के मामले ज्यादा पाए गए हैं. इस स्टडी में इस बात का भी दावा किया गया है कि जो लड़कियां सुरक्षा बरतते हुए शारीरिक संबंध बनाती हैं, उनके पढ़ाई-लिखाई में भी सफल होने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं

स्वप्नदोष का नाम सुनते ही शर्मिंदा हो जाने वाले पुरुष अब ले सकते हैं राहत की सांस

महिलाओं को भी स्वप्नदोष होता है!
महिलाओं को भी स्वप्नदोष होता है!
स्वप्नदोष का नाम सुनते ही शर्मिंदा हो जाने वाले पुरुष अब राहत की सांस ले सकते हैं. इस बीमारी के बारे में माना जाता रहा है कि यह सिर्फ पुरुषों को ही होता है. लेकिन अध्‍ययनों से पता चला है कि महिलाओं को भी स्वप्नदोष होता है. स्वप्नदोष में दरअसल नींद में 'रंगीन' सपनों के माध्यम से ऑर्गेज्‍म का अनुभव होता है और वीर्यपात होता है.
1953 में डॉ अल्फ्रेड किंस्ले ने लगभग 6 हजार महिलाओं पर शोध किया. इनमें से 37 फीसदी महिलाओं ने माना कि 45 साल की उम्र तक कम से कम एक बार उन्हें स्वप्नदोष का अनुभव हुआ है. उन्होंने इसे रात के वक्‍त की उत्तेजना के तौर पर परिभाषित किया, जिससे महिलाएं ऑर्गेज्‍म पाने के लिए जाग उठती हैं. उन्होंने अपने रिसर्च में यह भी पाया कि जिन महिलाओं को अपने सेक्स जीवन में ऑर्गेज्‍म की प्राप्ति कम होती है, उनके साथ स्वप्नदोष की समस्या ज्यादा होती है.
 
 
1986 में हुए एक और अध्‍ययन में बारबरा वेल्स ने पाया कि स्वप्नदोष का अनुभव करने वाली महिलाओं में से लगभग 85 फीसदी को यह अनुभव काफी कम उम्र में हुआ. सामान्यत 21 साल की उम्र से पहले और कुछ मामलों में तो 13 साल से भी पहले.
सेक्सप्लेनेशन्स नाम की किताब लिखने वाले डॉ बेली के अनुसार, नींद में भावनाओं पर हमारा नियंत्रण कमजोर पड़ जाता है और हमारी दबी हुई भावनाएं, चाहतें सांकेतिक तौर पर उभरकर समने आ जाती हैं. बेली के अनुसार, कई महिलाएं नींद में अपेक्षाकृत जल्दी ऑर्गेज्‍म हासिल कर लेती हैं.
सेक्स से संबंधित नियम-कायदों से भी आपका सपना प्रभावित होता है. डॉ. बेली के अनुसार, एक व्यक्ति जिसने सेक्स से संबंधित कठोर नियम-कायदे बना रखे हों, हो सकता है कि सपने में वह उतना ही 'उदार' हो.
Amsterdam University  की एक मनोवैज्ञानिक के अनुसार, महिलाओं को स्वप्नदोष होना कोई बहुत हैरानी की बात नहीं है. उत्तेजना के उन पलों में जब वो नींद में ही ऑर्गेज्‍म पा रही होती हैं, तो वे पूरी तरह नींद में नहीं होती हैं.
हालांकि महिलाओं के स्वप्नदोष के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. उनकी शारीरिक बनावट इस तरह की होती है कि स्वप्नदोष का ठीक-ठीक अंदाजा उनको भी नहीं लग पाता.

सेक्स कला

  sex art sex,art, sex art
Add caption
सबसे पहले आता है एक दूसरे की प्रशंसा करना। इसलिए अपने सेक्स को सफल बनाने के लिए अपने साथी के वस्त्रों से लेकर उसके शरीर के खूबसूरत अंगों की तारीफ करें।



सेक्स कला  sex art  sex,art, sex art



प्यार करना भी एक कला है और हम सभी यह सोचना पसंद करते हंै किहम एक अच्छे प्रेमी हैं और प्यार करने की कला में माहिर हैं। लेकिन क्या यह पूर्णत: सत्य है। लेकिन किसी भी अन्य कला की तरह ही आपको इसे बेहतर बनाने के लिए पूरी तैयारी करने की जरूरत है। अब हम आपको कुछ शारीरिक सेंस के बारे में बतातें हंै जो यौन संबधों में और अधिक आकर्षण पैदा करते हैं। काम क्रीडाऔं के 5 सेंस ऎसे हैं जो स्त्री-पुरूष दोनों वर्ग को प्रभावित करते हैं। यों तो ये सेंस बहुत छोटी-छोटी बातों से जुडे हैं लेकिन इनकी अहमियत किसी को (1)जीतने के लिए बनाई गई योजनाओं से कम नहीं है। आइए हम आपको बताते हैं इन पांच सेंस के बारे में।
(2)अपने चुंबनों व आलिंगनों से एक दूसरे के प्रत्येक अंगों में प्यार भर दें। सेक्स करते वक्त दोनों साथी बराबर सहयोग करें। कई बार महिलाएं जरा पीछे रहती हैं लेकिन उन्हें भी पूरा सहयोग करना चाहिए।
(3) संवेदनशील अंगों को स्पर्श करना। स्त्री व पुरूष दोनों में कुछ कॉमन हिस्से जैसे कान के पीछे, गर्दन, नाभी या उसके आसपास का हिस्सा इनरथाई आदि ऎसे संवेदनशील हिस्से होते हैं जिन्हें छूने से उत्तेजना बढ जाती है। जितना अधिक आप इन हिस्सों पर अपना स्पर्श देंगे उतना ही अधिक प्यार के लिए इच्छा जाग्रत होगी।
(4) चौथा सेंस है नित नई सेक्स पॉजीशन को अपनाएं। यदि आपको लगने लगे कि यौन जीवन कुछ ऊबाउ सा हो गया है तो इसमें नयापन लाएं। अपने साथी को आकर्षित करने के लिए उत्तेतक वस्त्र धारण करें। कभी कभी अपने पुराने दिनों को याद करते हुए खुद में और अपने साथी में उत्साह जगाने का प्रयास करें। प्यार करते वक्त साथी के कानों में धीरे से कुछ रोमांटिक शब्द कहें। उसे बताएं कि वह जो यौन क्रियाएं अपना रहा है उससे आप मदहोश हो रहे हैं और आप उसे और अधिक पाना चाहते हैं।
(5) पांचवां सेंस है कि यौन संबंधों में शारीरिक संतुष्टि मिल जाने के बाद भी एक दूसरे से झटके से अलग न हों बल्कि एक दूसरे के आलिंगन में रहें और चुंबनों का सिलसिला कुछ देर तक चालू रखें। ये आपके प्यार को एक मजबूत नींव देता है।

हथेली में यहां होती है प्रेम, विवाह, संतान की संख्या बताने वाली रेखाएं

Next Image
उज्जैन। हमारी हथेली में थोड़े-थोड़े समय में कई रेखाएं बदलती रहती हैं। जबकि कुछ खास रेखाएं ऐसी हैं, जिनमें अधिक बड़े बदलाव नहीं होते हैं। इन महत्वपूर्ण रेखाओं में जीवन रेखा, भाग्य रेखा, हृदय रेखा, मणिबंध, सूर्य रेखा, विवाह और संतान रेखा शामिल हैं। हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार विवाह रेखा से किसी भी व्यक्ति के विवाह और प्रेम प्रसंग पर विचार किया जाता है। विवाह रेखा के पास ही संतान रेखाएं भी होती हैं।
 
कहां होती है विवाह रेखा
 
विवाह रेखा लिटिल फिंगर (सबसे छोटी उंगली) के नीचे वाले भाग में होती है। इस क्षेत्र को बुध पर्वत कहते हैं। बुध पर्वत के अंत में कुछ आड़ी गहरी रेखाएं होती हैं। यह विवाह रेखाएं कहलाती है। ये रेखाएं एक या एक से अधिक भी हो सकती हैं।

कैसे लें प्यार की गर्माहट का मजा...


कैसे लें प्यार की गर्माहट का मजा...     sex, how to add spice in your sex life

अगर आपको बेड पर अपने पार्टनर की कोई बात पसंद नहीं आती है, तो इस पर उनसे जरूर बात करें। ध्यान रहे की आपका लहजा शिकायती न हो।

इंटीमेसी का पूरा मजा तभी लिया जा सकता है, जब कोई उसमें खलल न डाले। इसके लिए अपने बेडरूम से टीवी और लैपटॉप को बिल्कुल बाहर कर दीजिये।

स्त्रियों के लिए चोटी रखना है जरूरी, ये हैं इस परंपरा के असली कारण

उज्जैन। प्राचीन काल से ही स्त्रियों के लिए लंबे बाल रखने की परंपरा चली आ रही है। आज भी बड़ी संख्या में महिलाएं इस परंपरा का पालन कर रही हैं। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि केवल महिलाओं को ही लंबे बाल रखने चाहिए, लेकिन पुराने समय में पुरुष भी लंबे बाल रखते थे। लंबे बाल रखने के पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण छिपे हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का मस्तिष्क अधिक संवेदनशील होता है। चोटी रखने पर महिलाओं का मस्तिष्क नियंत्रित रहता है।
 
यहां जानिए कुछ और कारण जिनकी वजह से सिर पर चोटी रखना जरूरी है...
 
चोटी को कहते हैं शिखा
 
सिर पर बनी चोटी को शिखा भी कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जिस प्रकार अग्नि के बिना हवन पूर्ण नहीं होता है, ठीक उसी प्रकार चोटी या शिखा के बिना कोई भी धार्मिक कार्य पूर्ण नहीं हो सकता है। पुराने समय से ही शिखा को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है। साथ ही, यह एक संकेत भी है। आज भी यदि कोई पुरुष शिखाधारी है तो उसे देखते ही लोगों को यही लगता है कि वह वेदपाठी और धर्म-कर्म से संबंधित व्यक्ति है। यह एक अनिवार्य परंपरा है, इससे व्यक्ति की बुद्धि नियंत्रित होती है।

इन आसान तरीकों से जानें महिलाओं का सेक्स स्वभाव


इन आसान तरीकों से जानें महिलाओं का सेक्स स्वभाव

महिलाओ के व्यक्तित्व को जानने की जिज्ञासा प्रत्येक व्यक्ति मे होती है। आकृति विज्ञान एक ऎसा अध्ययन है जो शरीर के अंगो तथा ढील-ढौल से व्यक्तित्व का परिचय देता है। इस श्रंखला में हम आज आपको बताते है कि ऑंखो और नाक की बनावट से कैसे किसी महिला का व्यक्तित्व जाना जा सकता है।
ऑंखे:- ब़डी, बैचेन, चमक तथा गहरी पुतली और आस पास लालिमा वाली ऑंखे, महिला के भाग्यशाली होने की प्रतीक है साथ ही साथ यह महिलाएं दंबग प्रवृति तथा समाज मे नेतृत्व करने वाली होती है। छोटी, सुस्त उदास स्लेटी रंग, गोल, थो़डी मु़डी, खाली और थो़डी कबूतर जैसे ऑंखे एक महिला की करूपता को प्रदर्शित करती है। यह महिलाएं चतुर होती है तथा जीवन मे आगे नही बढ़ना चाहती है। लाल ऑंखे वाली महिलाएं धोखेबाज व बईमान होती है। अगर ऑंखे ब़डी लम्बी तथा हल्की लालिमा लिए होती है तो यह महिला के आवेशपूर्ण होने को दर्शाती है, ऎसी ऑंखो वाली महिलाएं समाज मे बहुत लोकप्रिय होती है।
गोल व काली ऑंखे वाली महिलाएं बहुत सेक्सी होती है। हमेशा नींद भरी ऑंखो वाली महिलाएं अपने विपरित सेक्स के प्रति जल्दी आर्कषित होने वाली तथा जल्दी चरित्र छो़ड देने वाली होती है नरम किनारो व काली पलको वाली ऑंखे रखने वाली महिलाएं भाग्यशाली होती है। अगर ऑंखो के किनारे पर हल्के बाल हो, ऑंखो में पीलापन हो तो यह ज्यादा बीमार रहने वाली महिलाओं का परिचय देती है।
नाक:- यदि एक महिला की नाक तोते की तरह झुकी हुई है तो वह अच्छे स्वभाव शोहरत पसंद, चतुर तथा परिवार की शुभचिंतक होती है।
अंतर्वस्त्रों से जाने: एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार महिलाओ के अंतरवस्त्रो का रंग उनके रोमांटिक मूड तथा प्रेमी व्यक्तितत्व को दर्शाता है। एक मनोवैज्ञानिक डॉ डासन के अनुसार लाल, पीला तथा नारंगी रंग गर्म स्पेक्ट्रम को दर्शाता है जो कि ऊर्जा तथा उत्साह की भावनाएं पैदा करता है, यह हमारे दिल की धाडकन और रक्तचाप को भी ब़डा सकते है।
लाल/पीला/ऑंरेज:- इन रंगो के अंतरवस्त्र आवेशपूर्ण ऊर्जावान तथा नाटकीय स्वभाव को दर्शाते है। यह रंग पसंद करने वाली महिलाएं बिदास होती है तथा उनका मुड भी नाटकीय रूप से बदलता है जो कि उनके आकर्षण का एक हिस्सा है।
गुलाबी रंग:- यह रंग पसंद करने वाली महिलाएं स्वभाव से रोमांटिक तथा विन्रम होती है, इन्हे अधिक से अधिक स्त्रेह पाने की लालसा होती है। यह महिलाएं काफी कामुक होती है परंतु कभी आगे से पहल नही करती है।
काला रंग:- यह रंग एक व्यक्तिपरक और शक्तिशाली व्यक्तित्व को दर्शाता है। इस तरह की महिलाएं सूक्षम आकर्षण वाली परन्तु आवेशपूर्ण होती है।
सफेद रंग:- यह रंग पंसद करने वाली महिलाएं मासूम परंतु सुझाव देने के लिए तत्पर रहती है। यह एक अच्छी शिक्षार्थी भी होती है।
स्किन या भूरा रंग:- यह रंग स्वाभाविक वास्तविक तथा पारदर्शी व्यक्तितत्व को दर्शाता है। इसको पसंद करने वाली महिलाएं कुछ भी छुपाना पंसद नही करती है। एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि अब 72 प्रतिशत महिलाएं अंतरवस्त्रो की खरीदारी करते समय स्किन या भूरे रंगो वाले अंतरवस्त्रो का पंसद करने लगी है इसका अर्थ यह है कि आज की महिला रोमांस के मामले मे पीछे नही है और अपने आप को पूर्ण रूप से खुले रूप में प्रदर्शित करने मे नही कतराती है।
बुनियादी रूप में महिलाओं में अंतरवस्त्रो के रंगो के पंसद को इतनी तेजी से बदलने के लिए कही ना कही मशहूर हस्तियॉं जिम्मेदार है। हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री इवा मेंडीस ने हाल ही मे यह खुलासा किया है कि वह स्किन कलर या बिलकुल सादे अंतरवस्त्रो मे सबसे ज्यादा सेक्सी लगती है। तो जनाब, अगली बार जब आप अपनी किसी महिला साथी के लिए अंतरवस्त्रो की खरीदारी पर जाये तो उनके रंगो पर जरूर विचार किजिएगा।
महिलाओ के व्यक्तित्व को जानने की जिज्ञासा प्रत्येक व्यक्ति मे होती है। आकृति विज्ञान एक ऎसा अध्ययन है जो शरीर के अंगो तथा ढील-ढौल से व्यक्तित्व का परिचय देता है। इस श्रंखला में हम आज आपको बताते है कि ऑंखो और नाक की बनावट से कैसे किसी महिला का व्यक्तित्व जाना जा सकता है।

ब्वॉयफ्रेंड ने पूछा, 'डू यू लव मी?' फिर चबा डाले गर्लफ्रेंड के होंठ

(कैंटेले वार्ड की हमले के बाद की तस्वीर)
 
न्यूकैसल। इंग्लैंड के न्यूकैसल में रहने वाली 18 वर्षीय कैंटेले वार्ड की ये हालत उन्हीं के ब्वॉयफ्रेंड ने की थी, जिसके लिए कोर्ट उसे अगले महीने सजा सुनाएगा। दोषी ब्वॉयफ्रेंड फिलहाल कोर्ट के निर्देश पर कस्टडी में है। वार्ड के ब्वॉयफ्रेंड राइस कुले ने उससे पूछा था कि वो उससे प्यार करती है या नहीं। इसके बाद कुले ने उसके होंठ को दांतों से चबाकर यूं जख्मी कर दिया। 
 
न्यूकैसल क्राउन कोर्ट में वार्ड के वकील ने कहा कि कुले खुद को असुक्षित महसूस कर रहा था। उसे इस बात से जलन और परेशानी हो रही थी, कि कहीं वार्ड उसे छोड़ ना दे। ऐसे में उसने वार्ड का चेहरा बिगाड़ने के लिए ये हमला किया। कुले वार्ड के साथ दो साल से ज्यादा वक्त से रिलेशनशिप में था। कुले ने इरादतन हमले की बात से इनकार किया, लेकिन सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे हमले का दोषी पाया है। 
 
वहीं, सुनवाई के दौरान वार्ड ने कहा कि कुले ने उसके होंठ का पूरा हिस्सा अपने मुंह में ले लिया था। वार्ड ने कहा कि उसने इतनी बुरी तरह उनके होंठों को दांतों से चबाया कि ऐसा लगा जैसे होंठ कटकर बाहर निकल आएंगे। हर तरफ सिर्फ खून ही खून था। मामला इसी साल बीते फरवरी महीने का है

दुनिया के सबसे बड़े जादूगर की पोल खुली, एक तस्वीर से पकड़ा गया झूठ


दुनिया के सबसे बड़े जादूगर की पोल खुली, एक तस्वीर से पकड़ा गया झूठ

(इस तस्वीर को ट्विटर पर शेयर किया गया। लोगों का कहना है कि डाइनेमों ने ऊपर उठने के लिए तार का सहारा लिया। तस्वीर में भी दो तार साफ देखे जा सकते हैं। )
 
लंदन। वह पानी पर चलते थे और हवा में उड़ते थे। करोड़ों लोग उनके करिश्मे देखकर दांतों तले उंगली दबा लेते थे, लेकिन एक गलती हुई और उनकी पोल खुल गई। 
 
दुनिया के सबसे बड़े जादूगर डाइनेमो अपने नए टीवी शो के लिए गुरुवार को लंदन की सबसे ऊंची इमारत शर्ड पर उड़ने का कारनामा दिखा रहे थे। उसी समय किसी ने उनकी तस्वीर खींच ली, जिसमें उन्हें ऊपर खींचने वाले दो तार साफ नजर रहे थे। सोशल साइट ट्विटर पर यह फोटो वायरल हो गई और उनके प्रशंसकों का गुस्सा फूट पड़ा।
 
कई लोगों ने ट्वीट किया है कि ये कौन सा जादू है, जिसमें हर कोई आपको खींचने वाले दो तार को आसानी से देख सकता है। इसके बावजूद आप 1016 फुट की ऊंचाई पर उड़ने का दावा कर रहे हैं। 
 
कर चुके हैं कई बड़े कारनामे 
31 साल के डाइनेमो का मूल नाम स्टीवेन फ्रेन है। उन्होंने लंदन की थेम्स नदी को पैदल चलकर पार करने और उड़कर डबल डेकर बस पर चढ़ जाने का कारनामा किया है। उनका टीवी कार्यक्रम मैजिशियन इम्पॉसिबल दुनिया भर में कई भाषाओं में प्रसारित होता है। भारत में भी उनके लाखों प्रशंसक हैं।

ये 8 चीजें आजमा कर देखें, कहते हैं इनको खाने से बुढ़ापा नहीं झलकता

उज्जैन। हेल्दी खाने के बहुत फायदे होते हैं। सही और संतुलित आहार लेकर न सिर्फ शरीर को स्वस्थ बनाया जा सकता है, बल्कि एजिंग साइन को भी रोका जा सकता है। खाने की कुछ चीजें ऐसी हैं जिनमें एंटी-ऑक्सीडेंट और फाइटोकेमिकल्स की भरमार होती है। ये अनेक बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। साथ ही, स्किन और बॉडी को हमेशा जवान बनाए रखने में भी सहायक होती हैं। आइए, आज जानते हैं कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में, जो स्किन को हमेशा जवान बनाए रखती हैं।

- पपीता को गुणों की खान कहा गया है। यह आपके पेट का भी ख्याल रखता है। साथ ही, त्वचा की खूबसूरती को भी बनाए रखता है। यह कई बीमारियों से दूर रखता है और इसका स्वाद भी बेजोड़ है। इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए और एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इसलिए इसके नियमित सेवन से त्वचा हमेशा जवान बनी रहती है।

- दही में कई तरह के पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि दही में जीवित बैक्टीरिया होते हैं। ये पाचन में मदद करते हैं। कैल्शियम का अच्छे स्रोत होने के कारण ये ऑस्टियोपोरोसिस से बचाता है। साथ ही, स्किन को यंग बनाए रखता है।

ऐसी महिलाएं ही कुछ अचीव कर पाती हैं जो ध्यान रखती हैं ये बातें

कुछ अचीव करने वाली महिलाएं वह होती हैं जो खुद भी खुश रहती हैं और अपने आसपास भी खुशहाली फैलाती हैं!
 
हम लोगों में से ज्यादातर अपने जीवन का बहुत अच्छे-से ध्यान रखते हैं। हां, हमारे सामने जो भी जीवन आता है, हम पूरे मजे से जीते हैं। हम जो भी करते हैं, उसमें तरक्की करने की आकांक्षा रखते हैं। हमारे अंदर वह क्षमता है जो हमें मुश्किल वक्त से आगे निकालकर ले जाती है। ऐसी असाधारण महिला होने के नाते, हमें दुनिया में अपना योगदान बढ़ाना होगा।
 
हो सकता है कि हमने मैडम क्यूरी की तरह रेडियम की खोज नहीं की हो या मदर टेरेसा जैसे अपने जीवन का समर्पण नहीं किया हो और निस्संदेह हम एमएस सुब्बालक्ष्मी भी नहीं हैं, जिन्होंने अपने पवित्र संगीत से दुनिया में शांति और सामंजस्य को विस्तार दिया। इसके बाद भी हम कहीं न कहीं किसी की तरक्की में अपना छोटा लेकिन महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। इस प्रक्रिया में निश्चित तौर पर हमारी अपनी तरक्की भी छिपी है। हकीकत यह है कि एक दिन हम देखेंगे कि हमारे अंदर की औरत भी तरक्की कर रही है।
 
हम अपने योगदान न देने की वजह समय की कमी को बता सकते हैं। लेकिन मैंने महसूस किया (जिंदगी में थोड़ा देरी से ही सही) कि जब मैंने अपनी और अपने परिवार की जिंदगी से बाहर सोचना शुरू किया तो मेरी ऊर्जा कई मायनों में बढ़ गई। समाज में योगदान देने के लिए मुझे फुलटाइम सोशल वर्कर होने की जरूरत नहीं है। सामाजिक प्राणी होने की वजह से यह मेरा दायित्व है कि समाज से मुझे जो भी मिला है, उसमें से मैं थोड़ा-बहुत लौटाऊ भी।
 
मैंने और मेरे पति ने कंप्यूटर पर विचारोत्तेजक कैप्शन और संदेश से कुछ पोस्टर प्रकाशित किए। उन्हें मैंने अपने इलाके में कुछ सार्वजनिक स्थानों पर लिखा। उस पर नाम लिखा था- 'सहायता’।
 
उदाहरण के लिए:
 
'एक्सचेंज ऑफर: अपनी चिंताओं को खुशी में बदले और पाएं एक मुस्कराहट फ्री।’
'प्रेरणा और पसीना ही मिलकर हंगामा मचाते हैं।’
 
यदि इन पोस्टरों ने किसी एक व्यक्ति की जिंदगी में भी बदलाव ला दिया तो मेरा काम सफल हो जाएगा। यदि कोई मानसिक तौर पर परेशान व्यक्ति इन संदेशों को पढ़कर कुछ देर के लिए राहत पाता है तो इन संदेशों का उद्देश्य पूरा हो जाएगा। मैं कुछ बच्चों को एकजुट कर या एकजुट हुए बच्चों को साथ लेकर उनके लिए मजेदार खेल बनाती हूं। उन्हें ग्रुप में खेलने में मजा आता है। मैं उनके साथ नाच-गा भी लेती हूं। नई पीढ़ी को खुशी देना और इसमें छोटा-सा हिस्सा बनना बेहद अच्छा लगता है।

नकली किन्नर बन कर रहे थे वसूली, असली ने देखा तो जमकर की धुनाई


जयपुर. किन्नरों का आतंक कम नहीं हो रहा, बल्कि लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार को जयपुर के कालवाड़ रोड पर गोविंदपुरा में किन्नरों ने ऐसा हंगामा खड़ा किया कि इलाके में दहशत हो गई। हुआ यूं कि गोविंदपुरा की प्रताप नगर कॉलोनी में गृह प्रवेश था। दो किन्नर आए और 10 हजार रुपए का नेग मांगा। मकान मालिक ने असमर्थता जताई और श्रद्धानुसार नेग लेने का आग्रह किया। किन्नरों ने हंगामा खड़ा कर दिया। लोगों को शर्मिंदा करने वाली हरकतें कीं।
 
इसी बीच कुछ लोगों को उन पर शक हुआ तो उन्होंने दोनों किन्नरों को पकड़ लिया। इसी बीच कुछ और किन्नर वहां आ गए। उन्होंने जनता द्वारा पकड़े गए दोनों किन्नरों को उनसे छुड़ाया और ताबड़तोड़ पिटाई शुरू कर दी। असली ने लोगों को बताया कि दोनों किन्नर नकली हैं। इसी बीच नागरिकों में से किसी ने पुलिस को फोन कर दिया। दो सिपाही आए, लेकिन किन्नरों की फौज ने दोनों किन्नरों को उन्हें सौंपने से मना कर दिया। माहौल बहुत बिगड़ गया। 
 
बड़ी परेशानी : मुंहमांगा नेग, तय क्यों न हो?
 
कॉलोनी के मूलचंद शर्मा, योगेश शर्मा सहित लगभग हर व्यक्ति का कहना था- कोई भी शुभ कार्य हो, सबसे पहले बिन बुलाए यही मेहमान आते हैं। व्यक्ति की आर्थिक स्थिति स्पष्ट होने पर भी सोने के जेवर, महंगा कपड़ा और मोटी रकम की मांग करते हैं।
 
असमर्थता जताने पर छिछोरी हरकतें करते हैं। इनमें भी तय नहीं कि कहां-कौन किन्नर आएगा। एक के बाद एक किन्नर आते रहते हैं और खुद को असली दूसरे को नकली बताते हैं। 
 
आग्रह
 
किन्नर को नेग देना हमारी परंपरा है और हम देंगे भी, लेकिन नेग लेने की गुंडागर्दी बर्दाश्त कैसे करें? पुलिस-कानून, सरकार और अन्य जिम्मेदार इसके लिए क्या कर सकते हैं? इस सवाल पर जनता ने एकसुर में कहा- शुभ कार्य के मुताबिक उसका नेग तय होना चाहिए। किन्नरों की सूची क्षेत्र मुताबिक सार्वजनिक होनी चाहिए और अभद्रता पर उन्हें दंडित किया जाना चाहिए

इस मंदिर पर पाक ने गिराए थे 3000 बम, मां के आशीर्वाद से एक भी न फटा

(फोटो- राजस्थान के जैलसमेर में बॉर्डर पर स्थित तनोट माता का मंदिर।)
 
जोधपुर। जैसलमेर से थार रेगिस्तान में 120 किमी. दूर सीमा के पास स्थित है तनोट माता का सिद्ध मंदिर। जैसलमेर में भारत पाक सीमा पर बने तनोट माता के मंदिर से भारत-पाकिस्तान युद्ध (1965 और 1971 की लड़ाई) की कई अजीबोगरीब यादें जुडी हुई हैं। यह मंदिर भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना के फौजियों के लिये भी आस्था का केन्द्र रहा है। राजस्थान के जैसलमेर क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना को परास्त करने में तनोट माता की भूमिका बड़ी अहम मानी जाती है। यहां तक मान्यता है कि माता ने सैनिकों की मदद की और पाकिस्तानी सेना को पीछे हटना पड़ा। इस घटना की याद में तनोट माता मंदिर के संग्रहालय में आज भी पाकिस्तान द्वारा दागे गये जीवित बम रखे हुए हैं। 

Dainikbhaskar.com 1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 साल पूरे होने पर पाक सीमा से सटे एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहा है जिस पर दुश्मन द्वारा दागे गए करीब 3000 तोप के गोले भी मंदिर को रत्ती भर भी नुकसान नहीं पहुंचा पाए थे।
 
3000 पाकिस्तानी तोप के गोले भी रहे बेअसर

17 से 19 नवंबर 1965 को शत्रु ने तीन अलग-अलग दिशाओं से तनोट पर भारी आक्रमण किया। दुश्मन के तोपखाने जबर्दस्त आग उगलते रहे। तनोट की रक्षा के लिए मेजर जय सिंह की कमांड में 13 ग्रेनेडियर की एक कंपनी और सीमा सुरक्षा बल की दो कंपनियां दुश्मन की पूरी ब्रिगेड का सामना कर रही थी। 1965 की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना कि तरफ से गिराए गए करीब 3000 बम भी इस मंदिर पर खरोच तक नहीं ला सके, यहां तक कि मंदिर परिसर में गिरे 450 बम तो फटे तक नहीं।
 
कब्जा करने उद्देश्य से पाकिस्तान ने भारत के इस हिस्से पर जबर्दस्त हमले किए लेकिन उन्हे कामयाबी नहीं मिली। अब तक गुमनाम रहा यह स्थान इसके बाद प्रसिद्ध हो गया। विश्वास किया जाता है कि तनोट माता के प्रताप से ऐसा हुआ। पाक सेना 4 किमी. अंदर तक हमारी सीमा में घुस आई थी। बाद में जब भारतीय सेना हावी हो गई, उन्होंने जवाबी आक्रमण किया जिससे पाकिस्तानी सेना को भयंकर नुकसान हुआ और वे पीछे लौट गयी। 
 
माता का मंदिर जो अब तक सुरक्षा बलों का कवच बना रहा, शान्ति होने पर सुरक्षा बल इसका कवच बन गये। मंदिर को बीएसएफ ने अपने नियंत्रण में ले लिया। आज यहां का सारा प्रबन्ध सीमा सुरक्षा बल के हाथों में है। मंदिर के अन्दर ही एक संग्रहालय है जिसमें वे गोले भी रखे हुए हैं। पुजारी भी सैनिक ही है। सुबह-शाम आरती होती है। मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर एक रक्षक तैनात रहता है,  लेकिन प्रवेश करने से किसी को रोका नहीं जाता। फोटो खींचने पर भी कोई पाबंदी नहीं। इस मंदिर की ख्याति को हिंदी फिल्म 'बॉर्डर' की पटकथा में भी शामिल किया गया था। दरअसल, यह फिल्म ही 1965 युद्ध में लोंगोवाल पोस्ट पर पाकिस्तानी सेना के हमले पर बनी थी।

ये हैं वो 20 बातें जिनकी वजह से पति-पत्नी में अक्सर बहस होती है

ये हैं वो 20 बातें जिनकी वजह से पति-पत्नी में अक्सर बहस होती है


 
(तस्वीरों को प्रयोग प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है)
 
लाइफस्टाइल डेस्क: शादी के बाद पुरुष और महिला दोनों की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। ये ही दोनों परिवारों को आपस में जोड़कर रखते हैं। शादी के बाद दोनों की ज़िंदगी में बहुत बदलाव भी आते हैं। अब यह ज़रूरी तो नहीं कि एक पार्टनर में आया बदलाव दूसरे पार्टनर को भी पसंद आए?, क्योंकि रिश्ते में प्यार और विश्वास होने के बावजूद कई छोटी-छोटी बातें खटास पैदा करती हैं। लेकिन इन छोटी-छोटी बातों को प्यार से निपटाया जाए, तो प्यार और भी बढ़ जाता है। आज हम आपको पति-पत्नी के बीच होने वाली बहस के बारे में बता रहे हैं।
 
20 ARGUEMENTS

1. मैच या सीरियल ?
ये कहानी हर घर की है। इस बात को लेकर सभी कपल्स में बहस होती ही है। टीवी का रिमोट अपने हाथ में रख डेली सोप और क्रिकेट मैच देखने की जिद से हमेशा तकरार होती है।  
 
2. यह मेरा घर, वो तेरा घर !
हम क्यों हमेशा दिवाली तुम्हारी मम्मी के घर सेलेब्रेट करते हैं? शादी के बाद मेरी फैमिली या तुम्हारी, ये बहस शादी के बाद हर कपल में होती है, खासकर त्योहारों के समय।

ये हैं वो 7 काम जो पुरुषों को शादी के बाद नहीं करने चाहिए

लाइफस्टाइल डेस्क: शादी से पहले दोस्तों के साथ रोज़ाना बाहर खाना, घर देर से आना, हर वीकेंड आउट ऑफ स्टेशन जाना और बेफिक्री से अपने कमरे में यहां-वहां समान फैलाना। शादी के बाद बीवी के साथ बाहर जाना, घर टाइम से आना, अगर नहीं तो फोन पर अपडेट देते रहना, वीकेंड पर बीवी के मायके जाना और कमरे को साफ करना और अगर ये नहीं किया तो बीवियों का गुस्सा झेलना।
 
ये चेंज सिर्फ आपकी लाइफ में नहीं, बल्कि शादी के बाद हर पतियों की लाइफ में होती है। शादी के बाद आपकी लाइफ सिर्फ आपकी नहीं रह जाती, बल्कि आपका पार्टनर भी इसका हिस्सा होता है। वो अपना खुद का घर छोड़ आपके साथ एक खूबसूरत जिंदगी जीने की उम्मीद लिए आती है, लेकिन पतियों की कुछ आदतें उन्हें परेशान करती हैं। आज आपको ऐसी ही 7 आदतों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको शादी के बाद जरूर बदल लेना चाहिए।      

1. स्पोर्ट्स के लिए बीवियों को अवॉइड करना
 
शादी से पहले क्रिकेट मैच को दोस्तों के एंजॉय करना अलग बात होती है। लेकिन शादी के बाद टीवी और आपका एक्स्ट्रा टाइम बीवियों के लिए होता है। इसीलिए स्पोर्ट्स के लिए बीवियों को कभी अवॉइड नहीं करना चाहिए, वरना वह अपने सीरियल्स के लिए आपको अवॉइड करना शुरू कर देंगी। शादी के बाद कभी-कभार स्पोर्ट्स देखें या फिर जरूरी मैच ही देखें। हर रोज़ टीवी के सामने रिमोट हाथ में लेकर न बैठ जाएं। यह बात बीवियों को बहुत बुरी लगती है।

BJP सांसद बोले- मदरसों में आतंकवाद की शिक्षा, हिंदू लड़कियों को फंसाने के लिए अरब देशों से फंडिंग


BJP सांसद बोले- मदरसों में आतंकवाद की शिक्षा, हिंदू लड़कियों को फंसाने के लिए अरब देशों से फंडिंगउन्नाव से सांसद साक्षी महाराज ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मदरसों पर सरकार का नियंत्रण होना चाहिए। कुछ दिन पहले आदित्यनाथ ने भी अल्पसंख्यकों को लेकर विवादित बयान दिया था।