गांव की गोरी सेक्स और रोमांस में आगे है शहरी बालाओं से :सर्वे

भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा
युवाओं में सेक्स के रुझान को लेकर कराये गए सर्वे में एक और महत्वपूर्ण बात सामने आयी है.यहाँ भी पुरानी मान्यताएं ध्वस्त होती दीख पड़ती है.अब तक यही माना जा रहा था कि खुलेपन के मामले से लड़के लड़कियों से आगे हैं और शहरी युवाओं पर पश्चिमी सभ्यता का ज्यादा असर है, वे ज्यादा फैशनेबल हैं और ग्रामीणों पर भारी पड़ते होंगें.पर ये सर्वे इन सारी बातों को सिरे से ख़ारिज करता है.सर्वे में लड़कियां तो लड़कों से रोमांस का अनुभव लेने में आगे निकल ही गयी हैं,साथ ही ग्रामीण युवाओं ने रोमांस के मामले में शहरी युवाओं को पीछे छोड़  दिया है. यहाँ भी गांव की लड़कियां रोमांस का मजा लेने में शहरी लड़कियों से बहुत ही आगे निकल गयी है.सर्वे में २९ % ग्रामीण युवाओं ने माना कि पहले सम्बन्ध के वक्त
उनकी उम्र १५ साल से कम थी,जहाँ सिर्फ १७% शहरी युवाओं ने माना कि उसने पहला सम्बन्ध १५ साल की उम्र से पहले बनाया था.और गाँव की गोरी तो यहाँ भी लड़कों से कई कदम आगे निकल चुकी है.४६% गाँव की लड़कियों ने माना कि उनका १५ साल की उम्र से पहले ही अफेयर रह चुका है जबकि इसी बिंदु पर शहरी लड़कियों का प्रतिशत सिर्फ ३१ था.जहां तक सेक्स की बात है,शादी से पहले १७% गाँव के लड़कों ने इसका स्वाद चख लिया है,जबकि शहर में सिर्फ १०% लड़के.शहरों की यदि दो प्रतिशत लड़कियों ने शादी से पहले सेक्स सम्बन्ध बनाए हैं तो गावों में इसका प्रतिशत ४ है.
   यानि गाँव, जो भारतीय संस्कृति की पहचान हुआ करती थी और ये माना जाता था कि ये सब सिर्फ शहर की ही चीजें हैं, अब शहर से सेक्स और रोमांस में आगे निकल गया है.(क्रमश:)
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)