अन्ना की आंधी

 जब जब गांधी जन्म है लेता
युग एक करवट लेता है.
अन्ना की अब तो आंधी है
नए युग का वह गांधी है.
भ्रष्टाचारियों गद्दी छोड़ो
अब तो जनता फरियादी है
व्यवस्था में घुन लग गए
चोर है करते पहरेदारी
आम आदमी दिन-रात है पिसता
कटती भ्रष्ट अधिकारियों की चांदी है.
अब तो हमें जनलोकपाल 
लानी ही है,लानी ही है.
गिरफ्तार करो या दमन करो
जेल भरो या शमन करो
ये सैलाब विचारों वाली है.
व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन हैं करने
लाओ लोकपाल या गद्दी छोड़ो
अन्ना संग अब यह
सारे देश ने ठानी है.
अन्ना की अब तो आंधी है,
वह नए युग का गांधी है.

--नीरज कुमार (पूर्व ई-टीवी संवाददाता, मधेपुरा)
ई-मेल:neerajkumarnk@yahoo.co.in