राकेश सिंह/०६ अगस्त २०११
स्टेट बैंक के इस पदाधिकारी ने शायद ये कभी नहीं सोचा था कि इस मामले में ये इस कदर फसेंगें विजय और रेखा :कितनी सच्चाई है इस तस्वीर में? कि इन्हें अपने सामने जेल की सलाखें नजर आने लगेंगी.मधेपुरा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने वर्तमान में डालटेनगंज के नेस्लीगंज में स्टेट बैंक में पदस्थापित शाखा प्रबंधक विजय कुमार बटलर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है.मामला २००७ के आसपास का है जब विजय कुमार बटलर सिंघेश्वर में कैशियर के पद पर कार्यरत थे.सिंघेश्वर की ही रेखा कुमारी जब उसी बैंक में अपना खाता खुलवाने गयी थी तबसे बताया जाता है कि दोनों के बीच संबंधों ने एक नया रूप धारण करना शुरू किया था.रेखा का आरोप यह है कि सिंघेश्वर के बाद जब विजय का स्थानांतरण बिहारीगंज में फिल्ड ऑफिसर के रूप में हुआ तो दोनों ने १० जनवरी २००७ को पूर्णियां के पूरण देवी मंदिर में शादी भी रचा ली.उस समय विजय बटलर भर्राही में आनंद साह के मकान में रहते
थे.बकौल रेखा शादी के बाद दोनों साथ ही उसी मकान में रहे और तीन-चार माह के बाद रेखा गर्भवती भी हो गयी.पर मामला तबसे बिगडना शुरू हुआ जब विजय बटलर का स्थानान्तरण झारखण्ड के लातेहार के पास चंदवा हो गयी.विजय वहाँ अकेले गए और फिर लौटकर रेखा के पास भी दस दिनों के लिए आये.रेखा बताती है कि उसे विजय से लड़का हुआ,पर मरा हुआ.रेखा के तंग करने पर विजय जब रेखा को चंदवा ले गया तो वहां रेखा यह जानकार सन्न रह गयी कि विजय पहले से शादीशुदा है.विजय की पहली शादी १९ साल पहले ही अन्जलिका से हुई थी और उसके दो बेटे आशीष,उम्र १६ साल और अमन,उम्र १२ साल है.रेखा का कहना है कि विजय और अन्जलिका ने उसे वहां से मारपीट कर भगा दिया.वर्ष २००९ में जब रेखा फिर विजय को खोजने गयी तो वह उस
मकान को खाली कर चुका था.रेखा जब उसके ब्रांच पहुंची तो विजय ने फिर हाथ पैर पकड़ कर उसे वापस भेज दिया.हार कर रेखा ने न्याय के लिए थाने में विजय के विरूद्ध केस दर्ज करवाया (सिंघेश्वर थाना कांड संख्यां-४३/२००९) और न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया.मामले में जब मधेपुरा एसपी ने तहकीकात की तो कई गवाहों ने भी कहा कि दोनों पति-पत्नी की तरह ही साथ-साथ रहते थे.
थे.बकौल रेखा शादी के बाद दोनों साथ ही उसी मकान में रहे और तीन-चार माह के बाद रेखा गर्भवती भी हो गयी.पर मामला तबसे बिगडना शुरू हुआ जब विजय बटलर का स्थानान्तरण झारखण्ड के लातेहार के पास चंदवा हो गयी.विजय वहाँ अकेले गए और फिर लौटकर रेखा के पास भी दस दिनों के लिए आये.रेखा बताती है कि उसे विजय से लड़का हुआ,पर मरा हुआ.रेखा के तंग करने पर विजय जब रेखा को चंदवा ले गया तो वहां रेखा यह जानकार सन्न रह गयी कि विजय पहले से शादीशुदा है.विजय की पहली शादी १९ साल पहले ही अन्जलिका से हुई थी और उसके दो बेटे आशीष,उम्र १६ साल और अमन,उम्र १२ साल है.रेखा का कहना है कि विजय और अन्जलिका ने उसे वहां से मारपीट कर भगा दिया.वर्ष २००९ में जब रेखा फिर विजय को खोजने गयी तो वह उस
मकान को खाली कर चुका था.रेखा जब उसके ब्रांच पहुंची तो विजय ने फिर हाथ पैर पकड़ कर उसे वापस भेज दिया.हार कर रेखा ने न्याय के लिए थाने में विजय के विरूद्ध केस दर्ज करवाया (सिंघेश्वर थाना कांड संख्यां-४३/२००९) और न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया.मामले में जब मधेपुरा एसपी ने तहकीकात की तो कई गवाहों ने भी कहा कि दोनों पति-पत्नी की तरह ही साथ-साथ रहते थे.
रेखा:हर हाल में चाहिए न्याय |
जो भी हो,अब देखना यह है कि अपने ऊपर धोखा और प्रताड़ना का आरोप झेल रहे विजय को अग्रिम जमानत के मामले में उच्च न्यायालय से राहत मिल पाती है या फिर विजय को सलाखों के पीछे कुछ दिन काटने होंगे?