नई दिल्ली. गुवाहाटी की एक घटना ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। सड़क पर करीब 20 लड़के एक अकेली लड़की को सरे राह नंगा करने की कोशिश में आधे घंटे तक उससे खिलवाड़ करते रहे और वहां से गुजर रहे लोग तमाशबीन बने रहे। गुवाहाटी की घटना सड़क की है। लेकिन उत्तर प्रदेश (जहां महिलाओं को घर में कैद रहने का फरमान सुनाया गया है) में तो पुलिस थाने में ही एक महिला की इज्जत पर धावा बोल दिया गया। वह भी राजधानी लखनऊ के थाने में। और, आरोप के मुताबिक धावा बोलने वाला उसी थाने का दारोगा था। लड़की की इज्जत घर में भी महफूज नहीं रही। एक नाबालिग की इज्जत उसके भाई ने ही घर में लूटी और भाभी की मदद से भाई के दोस्त ने भी उसका रेप किया।
गुवाहाटी की घटना को लेकर मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं। एक तो यह कि घटना का वीडियो बनाने वाले टीवी न्यूज चैनल के कैमरामैन को पहले लड़की को बचाना चाहिए था या नहीं? दूसरा सवाल यह उठ रहा है कि क्या मीडिया को यह वीडियो दिखाया जाना चाहिए या नहीं? इन सवालों के जवाब आप खुद दें (नीचे कमेंट बॉक्स में टाइप कर सबमिट करें), लेकिन इतना तय है कि दुनिया के सामने यह घटना आई तो इसी वजह से क्योंकि कैमरामैन ने वीडियो रिकॉर्ड किया। इसी के बल पर पीडि़त लड़की को इंसाफ मिल सकता है। लड़की ने सभी लड़कों के लिए उम्रकैद की मांग की है।
समाज का दानवी चेहरा दिखाने वाली इन तीनों घटनाओं का ब्यौरा पढ़ने और असम की घटना के फोटो क्लिप देखने के लिए आगे क्लिक करें। क्या वाकई भारत कायरों का देश हो गया है, जहां ऐसी घटनाओं के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाता? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? पुलिस, जनता या फिर समाज की घटिया सोच?। अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स में टाइप कर सबमिट करें।