इंटरनेट और मोबाइल ने बदले रोमांस के तरीके

कहते हैं कि प्यार का इजहार करने के लिए जुबां की आवश्यकता नही
होती,नजर ही काफी है.ये भी बात सच है कि पहले के प्रेमी प्यार का इजहार करने में ही काफी समय लगा देते थे और कुछ को तो काफी दिनों तक ये सोचकर पछताना पड़ता था कि प्यार का इजहार उन्होंने कर दिया होता तो जिंदगी आज कुछ और होती.जो भी हो,प्रेम पत्रों का युग अब समाप्त हो चुका है और इंटरनेट और मोबाइल ने अब प्यार के इजहार के तरीके भी बदल दिए हैं.अब तो युवाओं को थोड़ा भी सब्र नही रहा है.नजर के इशारे को पढ़ा नहीं कि मोबाइल या इंटरनेट पर प्यार के तीन शब्द लिख कर मैसेज कर दिया,जवाब तुरंत मिल गया तो फिर खुशियाँ ही खुशियाँ होती है दामन में.सुबह प्यार का इजहार हुआ और शाम से डेटिंग और रोमांस भी शुरू.सुबह नींद टूटते ही फोन करना या फिर फोन आने के इन्तजार में मोबाइल को बार-बार निहारते रहना,मैसेज लिखना हो तो तेजी से टाइप करना आधुनिक प्रेमियों की आदत सी बन गयी है.इंटरनेट पर घंटों चैटिंग करना और चैटिंग के दौरान तेजी से टाइप करने के जूनून ने ही शायद लिंगों भाषा को जन्म दिया.Hw r u ?, f9, CU, TC, gr8, ilu आदि भाषाएँ अब युवाओं की पसंद बन गयी हैं.मोबाइल पर घंटों बात करना, इंटरनेट कैफे में समय बिताना,वीडियो चैट से एक दूसरे को देखना और हाथ हिलाकर बाय कहने वाले ये युवा जब प्रेम-पत्रों की कहानी सुनते हैं तो असंतुष्ट हो इनके मुंह से बरबस निकल जाता है, ओ शिट !
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)