क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद द्रविड़ ने खोला दिल का राज



बेंगलूर. विश्वसनीय तकनीक की बदौलत श्रीमान भरोसेमंद के नाम से मशहूर द्रविड ने कहा कि उन्हें इस समय संन्यास लेने का कोई मलाल नहीं है। उन्होंने कहा मैं पिछले 16 साल से देश के लिए क्रिकेट खेलता आया था। मैं क्रिकेट का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रहा हूं। टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले द्रविड़ ने अपने खूबसूरत खेल का प्रेरणास्रोत पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वा को बताते हुए कहा स्टीव अपने विकेट की कीमत जानते थे और कभी भी विकेट फेंकते नहीं थे। वह बडे मौकों पर चूकते नहीं थे बल्कि निखरकर खेलते थे।

अपनी तुलना भारत के विश्व विजेता कप्तान कपिलदेव से किए जाने पर द्रविड़ ने कहा मैं उनके बराबर कहीं नहीं ठहरता हूं और वास्तव में आलराउंड प्रदर्शन करना तो अपने आप में कमाल की बात है। मैं अक्सर जवागल श्रीनाथ से पूछता था कि कैसे वह तेज गेंदबाजी करने के बाद बल्लेबाजी भी कर लेते थे। द्रविड़ ने कहा तेज गेंदबाजी मेरे वश की बात नहीं है। मैं क्रिकेट में हर काम कर सकता हूं लेकिन बस तेज गेंदबाजी मुझसे नहीं हो सकती है। यह कोई आसान काम नहीं है।

अपनी कई ऐतिहासिक पारियों के गवाह रहे साथी बल्लेबाजवीवीएस लक्ष्मण के बारे में द्रविड ने कहा लक्ष्मण ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ही नहीं बल्कि घरेलू मैचों में भी कई बड़ी साझीदारियां की हैं। हम एक दूसरे को अच्छी तरह से समझ रहे हैं। उन्होंने कभी मुझसे तकनीक पर बात नहीं की। हमारे बीच केवल एक दूसरे को सहयोग देने पर बात होती थी।

टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर द्रविड़ ने कहा यदि पर्याप्त मात्ना में टेस्ट खेले जाएं तो यह फार्मेट भी अपना अस्तित्व बनाए रखेगा। टवेंटी-20 के उदय से कैलेंडर पर दबाव जरूर पड़ा है लेकिन प्रशासकों को सोचना है कि इस दबाव को कैसे झेला जाए। उन्होंने कहा मुख्य चुनौती यह है कि सभी टीमों को पर्याप्त टेस्ट खेलने के मौके उपलब्ध कराए जाएं। मुझे लगता है कि युवा खिलाड़ियों को खुद को तीनों फार्मेट के लिए फिट बनाना