मै अपने माता पिता भाई पत्नी और पुत्र के साथ आज उपवास कर रहा हूँ

मै अपने माता पिता भाई पत्नी और
पुत्र के साथ  अन्ना हजारे के आमरण अनशन के समर्थन में एक दिन  का उपवास आज  कर रहा हूँ  जिससे उनके आन्दोलन को नैतिक समर्थन मिल सके  आप भी उन्हें समर्थन दें...........
सोनिया गाँधी और उनकी कम्पनी जन लोकपाल बिल को लागू क्यों नही कराती, यदि वे भ्रष्टाचार के बारे में  थोड़े भी गंभीर है?
छोटे गाँधी यानि अन्ना हजारे जी से क्यों कह रहे है की अनशन करने से कुछ फायदा नहीं है?
सोनिया की समिति जिसमे शरद पवार, मोइली और कपिल सिब्बल है, ये  क्या कानून बनायेगे जो खुद या तो भ्रष्टाचार में लिप्त है या भ्रष्टाचारियों का बचाव  कर रहे है हैं,
ये वही कपिल सिब्बल है जो ये टीवी पर  यह प्रचार कर रहे थे की भारत के महा लेखाकार गलत है, १७६०००  करोड़ के   जी घपले  में कोई घपला नहीं हुआ है और सरकार को कोई धन हानि  नहीं हुई है,
ये टीवी वाले थोड़ा और शर्म करके इस मुहीम को ठीक से जनता के बीच में प्रचारित करे:
जन लोकपाल बिल के मुख्य बिंदु इस प्रकार है, जिससे सरकार को डर लगता है , खासकर सोनिया को:
- अब  तक घोटाला करने वाले को सिर्फ अदालत का चक्कर   कटवाया जाता था लेकिन लूटा हुआ धन वापस लेने की कोई व्यवस्था नही थी, इस जन लोकपाल  बिल  में  भ्रष्टाचारी से पूरा पैसा वसूल करने की व्यवस्था की गयी है तो सोनिया और मनमोहन  को आपत्ति क्यों हैसांच  को आंच क्यों?
- पहले घपले बाजों को सिर्फ ६ महीने से लेकर ५ साल की सजा थी जो की २ जी में भी लागु होगी, अब जन लोकपाल बिल में ५ साल से आजीवन कारावास की सजा का प्राविधान  है, बाबा रामदेवजी तो फांसी की सजा की बात कर रहे हैं, सजा को कड़ी होनी ही चाहिए,
- जन लोकपाल बिल में प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश को भी बिना अनुमति जांच के दायरे में ला दिया  है, इसमे क्या गलत है.
- जन लोकपाल बिल में लोकपाल को मुकदमा चलाने  और सजा देने का भी अधिकार दिया गया है, जिसके लिए उसे किसी से कोई पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता नही है, इसमे क्यों परेशानी है, मनमोहन तो काफी ईमानदार क्यक्ति हैं, सोनिया भी शायद हैं तो फिर कड़े कानून से किसे डरना चाहिए?
- जन लोकपाल बिल में मुकदमा लंबा नही खीचा जा सकता है, यह तो बहुत अच्छी बात है,
- जन लोकपाल बिल में कोई भी आदमी शिकायत कर सकता है और बिना खुली सुनवाई के मामला बंद नही होगा, इसमे क्या गलत है,
- शिकायत करता की सुरक्षा का जिम्मा लोकायुक्त की रहेगीअब तक शिकायत करता को ही फंसा दिया जाता था.
बाकी इसमे ऐसे ही बहुत सारे प्राविधान है, जिसका आम जनता बिना किसी परेशानी के समर्थन कर रही है, तो सरकार को तो खुश होना चाहिए की जनता स्वयं कडा कानून चाहती है.
वन्दे मातरम
--मनोज कुमार आरसीएम
  मधेपुरा