शहर में नहीं है गाड़ियों के पार्किंग की व्यवस्था

सुपौल जिले में लगातार बढ़ रही गाड़ियों की संख्या के बावजूद जिला मुख्यालय में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होना लोगों की परेशानी का कारण बना है। पार्किंग नहीं रहने से आये दिन सड़कों पर जाम लगा रहता है और गाहे-बेगाहे मारपीट तक की नौबत आ जाती है।
दिन प्रति दिन शहर का रूप लेता जा रहा है जिला मुख्यालय। मकान बढ़े है आबादी बढ़ी है, कारोबार बढ़ा है तो गाड़ियों की संख्या बढ़नी लाजिमी है। लेकिन इस लिहाज से नहीं बढ़ी है बढ़ती आबादी की सुविधाएं। किसी जिले के विकास के लिए दो दशक काफी होते हैं। सुपौल ने भी हाल ही जिले के रूप में दो दशक पूरे किये हैं। इन सालों में जिले में व्यापक प्रगति हुई है। इस दौरान दो पहिया वाहनों से लेकर चार पहिया वाहनों की संख्या काफी बढ़ी है। लेकिन इसके लिए पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। लोग यत्र-तत्र गाडि़या लगा देते हैं। जिससे सड़क जाम की समस्या बनी रहती है। कोई भी व्यापारिक प्रतिष्ठान हो या फिर सरकारी प्रतिष्ठान हर जगह गाड़ियों की लंबी कतार देखी जा सकती है। सड़क किनारे लगे ये वाहन यातायात को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। सड़क का किनारा अवरुद्ध रहने के कारण पैदल चलने वाले भी सड़कों पर ही चलते हैं। जिससे सड़क पर चलने वाली गाड़ियों के लिए समस्या पैदा होती है। इस कारण यदा-कदा दुर्घटनाएं भी हो जाती है। कई बार तो गाड़ी पार्किंग के सवाल पर मारपीट तक की नौबत आन पड़ी है। कुछ दिन पूर्व स्टेशन चौक पर गाड़ी पार्किंग के सवाल पर जमकर मारपीट हुई। स्थानीय नौ आना कचहरी रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के आगे तो पार्किंग के कारण जाम लगा ही रहता है। बावजूद इसके प्रशासन द्वारा इस ओर उचित ध्यान नहीं दिया जाता है।