कनाडा के क्वींस विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ता रैनी शैमलॉल का कहना है कि मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल से शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा तो बढ़ जाती है लेकिन ल्यूटीनाइजिंग हार्मोन (एलएच) की मात्रा कम हो जाती है। यह प्रजनन के लिए आवश्यक और महत्वपूर्ण हार्मोन है। मस्तिष्क में मौजूद पिट्यूटरी ग्रंथि से यह हार्मोन निकलता है।
शोध में कहा गया है कि मोबाइल फोन से निकलने वाली विद्युत-चुम्बकीय तरंगों का पुरूषों में हार्मोन के स्तर व उनकी प्रजनन क्षमता पर दोहरा प्रभाव होता है। ये तरंगे टेस्टोस्टेरोन बनाने वाली कोशिकाओं को प्रभावित करती है और व्यक्ति पिता बनने से वंचित हो जाता है।