ये मेरा बिहार है

बिहार दिवस पर विशेष
है कंध जो ये हिंद का
जो बुद्ध का विहार है
गूंजे छठ गीत यहीं
बहे जो गंग धार है
जो मौर्यों का शौर्य है
कुंवर का जो आधार है
गुरु की वाणी बरसे जहाँ
दिनकर की रसधार है

नदियों, रत्नों, फसलो से भरा
ये पुण्य धाम बिहार है                                                     


हुआ सत्य आग्रह शुरू यहाँ
स्वाधीनता का जो आधार है
श्रम और प्रतिभा उपजे जिधर
जो ज्ञान का भण्डार है
युव-घोष गुंजरित जहाँ
भोज-मग-मैथिल जहाँ व्यवहार है

अतुल संपदाओं से विभूषित
ये पुण्य धाम बिहार है
है राज्य बुद्धिजीवियों का ये
राजनीति का आधार है
बहे जहाँ सर्वत्र अब
विकास की बयार है
अतीत गौरवमय जिसका रहा
भविष्य प्रगति द्वार है

श्रम, शौर्य, प्रतिभा, शक्ति
का गढ़ मेरा बिहार है, का गढ़ मेरा बिहार है
-अतुल कुमार मिश्रा